ग्रह के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने के प्रयास में ग्लोबल इंडियन डायस्पोरा ने नेशनल इंडिया हब के साथ मिलकर शिकागो में 'ग्रीन लिविंग और सर्कुलर इकोनॉमी' (Green Living and Circular Economy) पर एक व्याख्यान आयोजित किया।
शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष ने इसका उद्घाटन किया। आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बोलते हुए सोमनाथ घोष ने टिकाऊ पहलों को आगे बढ़ाने में व्यवसायों, सामुदायिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
महावाणिज्य दूत ने पर्यावरणीय प्रयासों के लिए नॉलेज शेयरिंग मंच के रूप में वाणिज्य दूतावास की भूमिका पर भी रोशनी डाली। उप महावाणिज्य दूत टी. डी. भूटिया ने अपने उद्घाटन भाषण में राष्ट्रीय नीति के प्रमुख तत्वों के रूप में ग्रीन लिविंग और सर्कुलर इकोनॉमी के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
ग्लोबल इंडियन डायस्पोरा फाउंडेशन के अध्यक्ष राकेश मल्होत्रा ने उपस्थित लोगों से रिन्यूएबल एनर्जी और 3R - रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदूषण को कम करने और उत्पाद जीवन चक्र का विस्तार करने की वकालत की, जो टिकाउपन की दिशा में आवश्यक कदम हैं।
इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स में सस्टेनेबिलिटी के राष्ट्रीय प्रमुख और मुख्य वक्ता नवीन मेडिशेट्टी ने सर्कुलर इकोनॉमी के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर चर्चा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि टिकाऊ प्रथाएं न केवल फायदा पहुंचाती हैं, बल्कि दीर्घकालिक सफलता के लिए आवश्यक हैं। नवीन ने सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक संसाधन प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध व्यक्तियों के बीच मजबूत नेटवर्क बनाने का भी आह्वान किया।
कार्यक्रम का समापन निरंतर संवाद और सहयोग के लिए कार्रवाई के आह्वान के साथ हुआ। ग्लोबल इंडियन डायस्पोरा और नेशनल इंडिया हब सहित आयोजकों ने शिकागो क्षेत्र और उससे आगे पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के मकसद से भविष्य की पहलों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।
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