ADVERTISEMENTs

विदेशों में फंसे भारतीयों की इस तरह से करते हैं मदद, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहीं ये बातें

गुजरात के राजकोट में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, जब आप भारत की सीमाओं को छोड़कर दुनिया में जाएं तो पूरे भरोसे के साथ जाएं कि भारत सरकार आपके साथ खड़ी है। जयशंकर ने स्थायी सदस्यता मिलने का विश्वास जताते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से होगा।

गुजरात के राजकोट में मंगलवार को एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने भारत सरकार प्रतिबद्धता दोहराई। / @DrSJaishankar

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दुनियाभर में भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी का आश्वासन दिया। उन्होंने संकट के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। गुजरात के राजकोट में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, जब आप भारत की सीमाओं को छोड़कर दुनिया में जाएं तो पूरे भरोसे के साथ जाएं कि भारत सरकार आपके साथ खड़ी है।

जयशंकर ने हैती में इंद्रावती अभियान और यूक्रेन में ऑपरेशन गंगा के जरिए अपने नागरिकों की वापसी को सुगम बनाने की दिशा में भारत की निर्णायक कार्रवाई के हालिया उदाहरणों का हवाला दिया। जयशंकर ने कहा कि यदि आप यूक्रेन के उदाहरण को देखें, तो हम लोगों ने उस समय 90 उड़ानें चलाईं। उस वक्त कुछ देश महज 4-5 उड़ानें चला रहे थे। कई देशों ने तो अपने नागरिकों को वहां यह कहते हुए छोड़ दिया कि यदि आप फंस गए हैं, तो अपने दम पर वहां से निकल जाएं, हम आपके लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी पर जयशंकर ने स्थायी सदस्यता मिलने का विश्वास जताते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से होगा, लेकिन इस दिशा में अत्यधिक प्रयासों की जरूरत होगी। केंद्रीय मंत्री ने भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र के सहयोगात्मक प्रस्तावों पर प्रगति का भी संकेत दिया जो संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखे गए हैं।

उन्होंने जापान, जर्मनी और मिस्र जैसे अन्य देशों के साथ भारत को विकसित भू-राजनीतिक संबंधों को प्रतिबिंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ढांचे के भीतर सुधारों की वकालत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र के मूल स्थायी सदस्य देशों-चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के प्रभुत्व को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अब भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बन रहा है।

जयशंकर के इस बयान से भारत के बढ़ते वैश्विक कद का पता चलता है, जहां भारत की विकासात्मक उपलब्धियों और लचीलेपन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। उन्होंने लोकतंत्र और प्रगति के प्रकाश स्तंभ के रूप में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। विदेश मंत्री ने विशेष रूप से कोरोना महामारी के बीच भारत की लोकतांत्रिक उपलब्धियों और आर्थिक जुझारूपन का उल्लेख किया।

इसके अलावा, जयशंकर ने सामाजिक क्षेत्र में भारत के योगदान पर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें तंजानिया में जल जीवन मिशन जैसी पहल शामिल हैं, जिसका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों के लिए साफ पानी की सुविधा प्रदान करना है। ऐसे प्रयास न केवल वैश्विक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, बल्कि मानवीय चुनौतियों का सामना करने की इसकी क्षमता को भी प्रदर्शित करते हैं।

जयशंकर ने अपने संबोधन में वैश्विक चुनौतियों से निपटने, जनसांख्यिकीय डिविडेंड, प्रौद्योगिकी कौशल और आर्थिक क्षमता का लाभ उठाने में बड़ी भूमिका निभाने के लिए भारत की तत्परता की फिर से पुष्टि की। उन्होंने अधिक इन्क्लूसिव और न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की वकालत करते हुए विश्व मंच पर भारत के नेतृत्व को मजबूत करने की अनिवार्यता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि दुनिया को लगता है कि सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत वैश्विक विकास का इंजन बन सकता है। दुनिया समझती है कि भारत में प्रौद्योगिकी प्रतिभा है।

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related