ADVERTISEMENTs

GOPIO-मेट्रो वॉशिंगटन के मुशायरा-कवि सम्मेलन में सांझी विरासत के महत्व पर जोर

GOPIO-मेट्रो वाशिंगटन अलीगढ़ पूर्व छात्र संघ-वाशिंगटन, डी.सी. के सहयोग से हर साल यह आयोजन करता है। वर्षों से हो रहे इस आयोजन ने कई कवियों और लेखकों को अपनी कृतियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है।

GOPIO-मेट्रो वॉशिंगटन ने 25 अगस्त को वर्जीनिया के आर्लिंगटन में सेंट्रल लाइब्रेरी में कार्यक्रम का आयोजन किया। / GOPIO-Metro Washington

GOPIO-मेट्रो वॉशिंगटन ने 25 अगस्त को वर्जीनिया के आर्लिंगटन में सेंट्रल लाइब्रेरी में 16वां सालाना स्वतंत्रता दिवस द्विभाषी कविता सत्र (मुशायरा-कवि सम्मेलन) की मेजबानी की। इसका उद्घाटन डॉ. ए. अब्दुल्ला ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में अब्दुल्ला ने पूरे उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता का जश्न मनाने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही समय के साथ बनी चुनौतियों पर भी विचार व्यक्त किए।

अब्दुल्ला ने कहा, 'इस तरह की साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन हमारे दिलों में छोटी-छोटी मोमबत्तियां जलाने जैसा है। यह हमें अपनी साझा विरासत, हमारी सांझी संस्कृति की सराहना करने में मदद करता है। यह सराहना और आपसी सम्मान ही हमें मानव बनाता है। सच्ची स्वतंत्रता पूर्वाग्रहों से खुद को मुक्त करने में निहित है।'

GOPIO-मेट्रो वाशिंगटन अलीगढ़ पूर्व छात्र संघ-वाशिंगटन, डी.सी. के सहयोग से हर साल यह आयोजन करता रहा है। इस साल के आयोजन में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ इंडियन मुस्लिम ऑफ अमेरिका (AIM), हैदराबाद एसोसिएशन ऑफ वाशिंगटन मेट्रो एरिया (HAWMA), मोंटगोमरी नवाब्स (MONA) और अमेरिकन सोसाइटी ऑफ साइंस, इंजीनियरिंग, एंड टेक्नोलॉजी (ASSET) सहित कई संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने इसका समर्थन किया।

वर्षों से हो रहे इस आयोजन ने कई कवियों और लेखकों को अपनी कृतियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इनमें प्रोफेसर सत्यपाल आनंद, असगर वाजहत और डॉ. के. मोहन आदि शामिल हैं। इस साल फराह कामरान की पुस्तक 'सुर्ख शाम का दिया' जारी की गई। इस दौरान उर्दू कवि और लघुकथाकार जमील उस्मान ने उनकी काव्य यात्रा का एक सुंदर परिचय दिया। पत्रकार, उपन्यासकार नुजैरा आजम ने सत्र की अध्यक्षता की।

मुशायरा और कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी डॉ. अशोक नारायण ने की। वह वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे पर हैं। इस कार्यक्रम में अब्दुल्ला अब्दुल्ला, अशोक नारायण, अजफर हसन, फराह कामरान, जमील उस्मान, मधु महेश्वरी, मोहम्मद अकबर और अन्य कवियों ने प्रदर्शन किया।

भारतीय दूतावास में प्रेस और संस्कृति की प्रथम सचिव नेहा सिंह विभिन्न सामुदायिक और साहित्यिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुईं। महानगरीय वाशिंगटन क्षेत्र के दिवंगत वरिष्ठ कवियों राकेश खंडेलवाल और गुल्शन मधुर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इनका पिछले साल निधन हो गया था। उनके साहित्यिक योगदान को सम्मानित किया गया। इसके अलावा AAA-DC की एक सहायक संस्था उर्दू लिटरेरी सोसाइटी के पूर्व सदस्य डॉ. अब्दुल्ला शामिम की पत्नी, दिवंगत तलत शमीम को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रिटायर एएमयू प्रोफेसर और AAA-DC के कोषाध्यक्ष-चुनाव डॉ. सलमान शाहिद के पिता दिवंगत प्रोफेसर अहमद शाहिद खान को भी संवेदना व्यक्त की गई।

कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन मोहम्मद अकबर ने किया। अफजल उस्मानी ने समारोह के मास्टर के रूप में काम किया। रेणुका मिश्रा ने कार्यक्रम की सफलता में उनके योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों, उपस्थित लोगों और स्वयंसेवकों का हार्दिक धन्यवाद दिया। कार्यक्रम स्थल प्रदान करने के लिए आर्लिंगटन लाइब्रेरी का भी धन्यवाद दिया गया। कार्यक्रम को उपस्थित लोगों ने बहुत सराहा और वे अंत तक जुड़े रहे।

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related