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भक्ति और भव्यता : ऐतिहासिक श्री राम रथ यात्रा उत्तरी अमेरिका में

अमेरिका और कनाडा की विश्व हिंदू परिषद इकाइयां संयुक्त रूप से पूरे उत्तरी अमेरिका में एक एकीकृत आध्यात्मिक नेटवर्क तैयार करने के मिशन पर हैं।

न्यू हैम्पशायर का हिंदू मंदिर, नैशुआ, न्यू हैम्पशायर। / Image : VHP, America

इन दिनों श्री राम रथ यात्रा पूरे उत्तरी अमेरिका में एक अभूतपूर्व भव्यता और ऐतिहासिकता का प्रतीक बन रही है। रथ यात्रा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद की अमेरिका और कनाडा इकाइयों ने संयुक्त रूप से किया है। दोनों ही देशों में यह ऐतिहासिक रथ यात्रा पिछले महीने शुरू हो चुकी है। इस महत्वाकांक्षी और 60 दिन की यात्रा का लक्ष्य पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में एक हजार से अधिक हिंदू मंदिरों को जोड़ना है।

महाद्वीप में फैले हिंदू समुदायों और परंपराओं को एक साथ लाने के एक भव्य प्रयास के अंतर्गत यह यात्रा 16,000 मील से अधिक की दूरी तय करने के लिए तैयार है। इस दौरान अमेरिका में 850 से अधिक और कनाडा में 150 से ज्यादा मंदिरों की यात्रा की जाएगी। 

आयोजकों का कहना है कि इस यात्रा को केवल भौगोलिक पहुंच के लिहाज से देखना ठीक नहीं है। दरअसल, यह यात्रा हिंदू पूजा परंपराओं या संप्रदायों का ताना-बाना बुनने और 22 जनवरी, 2024 को भारत में आयोजित श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की आध्यात्मिक संपदा को साझा करने के लिए आयोजित की गई है। उस समारोह के अक्षत, प्रसाद और आशीर्वाद यात्रा का केंद्रीय उद्देश्य हैं।

यात्रा के लिए तीन रथ तैयार किये गये हैं। भगवान राम, देवी सीता, लक्ष्मण और रामभक्त हनुमान की छवि वाले ये रथ एक अमेरिकी मार्ग के लिए और दो कनाडाई मार्ग के लिए हैं। लेकिन ये रथ केवल वाहन नहीं अपितु चलते-फिरते तीर्थस्थल हैं जो अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सार हिंदू प्रवासियों के दरवाजे तक पहुंचाने का पावन प्रयास कर रहे हैं। इस भव्य तीर्थयात्रा के माध्यम से विश्व हिंदू परिषद का लक्ष्य उत्तरी अमेरिका के विशाल परिदृश्य में हिंदू समुदायों को एकजुट करना और उन्हे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करना है।

अमेरिका में यात्रा की शुरुआत...
अमेरिका में यह यात्रा 23 मार्च, 2024 को होली के जीवंत त्योहार पर शिकागो के उपनगर शुगर ग्रोव में विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय से शुरू हो गई है। यात्रा की शुरुआत पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों के साथ की गई। शंख नाद (शंख बजाना) के साथ समारोह शुरू हुआ जिससे यात्रा के लिए एक श्रद्धापूर्ण माहौल तैयार हुआ। अपने पहले दिन यात्रा ने महत्वाकांक्षी रूप से 500 मील से अधिक की दूरी तय की। इस दौरान 9 मंदिरों की यात्रा की गई साथ ही देश भर में हिंदू समुदायों को जोड़ने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की गई।

1 अप्रैल, 2024 से अमेरिकी टीम कनेक्टिकट, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी राज्यों को कवर करते हुए यात्रा के अपने सबसे व्यस्त चरण पर निकल चुकी है। ये राज्य न केवल अमेरिका में सबसे बड़ी हिंदू आबादी का ठिकाना हैं, बल्कि मंदिरों की भव्यता का भी दावा करते हैं। टीम ने फिलाडेल्फिया मेट्रो क्षेत्र में जाने से पहले इस क्षेत्र में कम से कम पांच दिन समर्पित करने की योजना बनाई है। इसके बाद डेलावेयर, मैरीलैंड, वाशिंगटन डी.सी. और उससे आगे का रास्ता तय किया जाएगा। 

कनाडा में यात्रा की शुरुआत...
कनाडा में ओंटारियो के रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर से यात्रा की शुरुआत 25 मार्च को हुई। वहां भी समारोह का प्रारंभ पारंपरिक पूजा पाठ से हुआ जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालुओं ने भागीदारी की और प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर को याद करते हुए सामुदायिक सौहार्द को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। 
 

भारत माता मंदिर, ब्रैम्पटन, ओंटारियो। / Image : VHP, America

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