ग्रैन्यूल्स इंडिया (Granules India) ने 17 दिसंबर को बताया कि उसकी अमेरिका स्थित सहायक कंपनी ग्रैन्यूल्स फार्मास्यूटिकल्स Inc. (GPI) को अमेरिकी दवा एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) से मंजूरी मिल गई है। ये मंजूरी लिस्डेक्सामफेटामाइन डाइमेसाइलेट नाम की चबाने वाली गोलियों के लिए है। कंपनी ने इसके लिए आवेदन दिया था।
ये दवा टेकेडा फार्मास्यूटिकल्स की Vyvanse चबाने योग्य गोलियों की जेनेरिक (सामान्य) वर्जन है। इसका इस्तेमाल ध्यान-केंद्रित करने में परेशानी (अटेंशन-डेफिसिट हायपरएक्टिविटी डिसऑर्डर- ADHD) और अधिक खाने की बीमारी (BED) के इलाज में होता है।
ये गोलियां कई अलग-अलग पावर (10 mg, 20 mg, 30 mg, 40 mg, 50 mg और 60 mg) मिलेंगी। यह छह साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों और बड़ों, दोनों के लिए ये मंजूर है। खास बात ये है कि FDA की दवाओं की कमी की लिस्ट में ये दवा शामिल है। मतलब, इस दवा की जरूरत ज्यादा है और ये मरीजों के लिए बहुत जरूरी है।
ग्रैन्यूल्स इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा प्रसाद चिगुरुपति ने कहा, 'ये एक बहुत बड़ी कामयाबी है। हम हमेशा मरीजों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। हम उच्च-गुणवत्ता वाली और किफायती दवाएं देने के लिए वचनबद्ध हैं।' पिछले साल मार्च में ग्रैन्यूल्स इंडिया ने अमेरिका में अपना कारोबार बढ़ाते हुए वर्जीनिया में एक नई फैक्ट्री शुरू की थी। इस नई मंजूरी की खबर के बाद ग्रैन्यूल्स इंडिया के शेयरों में थोड़ी तेजी आई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में ये 0.74 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹588.65 प्रति शेयर हो गए।
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