भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे मंगलवार से अमेरिका में चार दिन की आधिकारिक दौरे पर हैं। इस बीच अमेरिका में पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य संबंधों और प्रभावी संचार पर रोशनी डाली। सिंह ने कहा कि भारत के साथ हमारे सैन्य संबंध अच्छे हैं, अच्छा संवाद है।
भारत के किसी शीर्ष अधिकारी का अमेरिकी दौरे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरे पास फिलहाल भारत सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं इंटरजेंसी के अन्य अधिकारियों के बारे में बात नहीं कर सकती। इसके अलावा पाकिस्तान में चुनाव के बाद परिस्थितियों पर सबरीना ने कहा कि वहां क्या हो रहा है हम इस पर नजर बनाए हुए हैं।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के दौरे के बीच सैन्य संबंधों को लेकर अमेरिका का यह बयान काफी मायने रखता है। इस दौरे को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि जनरल मनोज पांडे अपनी यात्रा के दौरान, सीओएएस जनरल रैंडी जॉर्ज, यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) और अन्य वरिष्ठ सैन्य नेताओं के साथ उच्च स्तरीय चर्चा और बातचीत में शामिल होंगे।
दौरे में प्रतिष्ठित अमेरिकी सेना ऑनर गार्ड समारोह, आर्लिंगटन नेशनल कब्रिस्तान में अज्ञात सैनिकों के कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित करना और पेंटागन का एक व्यापक दौरा शामिल है। ये कार्यक्रम दोनों देशों के बीच साझा वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान और आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
इसके अलावा वैश्विक खतरे की धारणा, सेना में परिवर्तन-2030/2040, मानव संसाधन चुनौतियां, भविष्य की सेना का विकास और आधुनिकीकरण और सह-उत्पादन और सह-विकास पहल जैसे मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच विचार और प्रथाओं को साझा करना है।
इन चर्चाओं के अलावा जनरल मनोज पांडे फोर्ट बेल्वोइर में 'आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर' और फोर्ट मैकनियर में 'नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी' का दौरा करेंगे। इसके अलावा, पांडे सैन्य इनोवेशन और रणनीति के लिए प्रसिद्ध इकाइयों के साथ जुड़ेंगे, जिसमें स्ट्राइकर यूनिट, सिएटल में पहला विशेष बल समूह, पहला मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स और सैन फ्रांसिस्को में डिफेंस इनोवेशन यूनिट शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड की यात्रा की भी योजना बनाई गई है, जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन कार्यों के लिए रास्ते तलाशने का मकसद है। यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और मील का पत्थर है, जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य के सैन्य विकास की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है।
बताया गया है कि यह यात्रा उन साझा मूल्यों और हितों का प्रतीक है जो भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच साझेदारी को रेखांकित करते हैं, जिसका उद्देश्य रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग और आपसी विकास को बढ़ाना है। बता दें कि हाल ही में अमेरिकी एनएसए जनरल रैंडी जॉर्ज ने इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) के लिए भारत का दौरा किया था।
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