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भारतीय-आप्रवासी अनुभव और रिवर्स इमिग्रेशन पर केंद्रित है ग्रीष्मा शाह का पहला उपन्यास

एनाग्राम डेस्टिनी एक दिल छू लेने वाली प्रेम गाथा है जो अमेरिकी सपने की एक प्रेरक कहानी के भीतर बसी हुई है।

ग्रीष्मा शाह / shahgrishma.com

ग्लोबल बिजनेस स्टडीज की निदेशक और मैनहट्टन विश्वविद्यालय में प्रबंधन और विपणन की प्रोफेसर ग्रीष्मा शाह ने अपना नया उपन्यास जारी किया है जिसका नाम है- एनाग्राम डेस्टिनी। एनाग्राम डेस्टिनी एक दिल छू लेने वाली प्रेम गाथा है जो अमेरिकी सपने की एक प्रेरक कहानी के भीतर बसी हुई है। 

उपन्यास एक भारतीय आप्रवासी की सफलता की कहानी को दर्शाता है जो बाद में वैश्वीकरण की बुराइयों से टूट गई। उपन्यास आप्रवासियों की एक पीढ़ी को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने मोटल, गैस स्टेशन और 7-इलेवन्स जैसे ठिकानों पर अथक परिश्रम किया ताकि उनके बच्चे (जो अब डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, उद्यमी, कलाकार और निश्चित रूप से भविष्य के राष्ट्रपति) अपना सिर ऊंचा रख सकें।

उपन्यास को लेकर डॉ. शाह ने बताया कि भारतीय आप्रवासियों की एक बेटी होने के नाते ही मैं मैं इस कहानी को लिखने के लिए प्रेरित नहीं हुई हूंई हूं, बल्कि संस्कृति और वैश्वीकरण पर एक विशेषज्ञ के रूप में भी लेखन की प्रेरणा मिली। मैंने अपने बचपन का कुछ हिस्सा मोटल और सुविधा स्टोरों में बिताया है। लेकिन आज मैं डेटा, सांख्यिकी और लिंग तथा भौगोलिक असमानता, डिजिटल विभाजन, सामाजिक अन्याय और आजीविका के लिए वैश्वीकरण से संबंधित अन्य मुद्दों जैसे जटिल वैश्विक मुद्दों पर गहराई से विचार करती हूं। एक अकादमिक के रूप में दशकों के बाद मैंने पाया है कि इनमें से कोई भी वास्तव में मेरे छात्रों के साथ तब तक मेल नहीं खाता जब तक कि मैं इसे अधिक व्यक्तिगत स्तर पर सामने नहीं रखती। जब मैं एक व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करूंगी, उसके व्यक्तिगत दांव, उसके उतार-चढ़ाव, उसके लाभ और हानि, उसकी जीत और कठिनाइयां- तभी छात्र उत्साहित होकर सुनेंगे। तभी वे जानकारी को आत्मसात करते हैं। तब वे परवाह करना शुरू करते हैं, खुद को दुनिया भर में एक अजनबी के रूप में देखते हैं और संभवतः एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए अपने व्यवहार में बदलाव करते हैं। कहानी सुनकर करुणा और सहानुभूति का भाव पैदा होता है जिसकी हमें विश्व स्तर पर हमें परेशान करने वाली कुछ बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए अत्यधिक आवश्यकता होती है।  

डॉ. शाह का शोध वैश्वीकरण और भारत पर केंद्रित है और इसीलिए पुस्तक में एक अन्य महत्वपूर्ण विषय- भारत का उदय और देश में सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता में वृद्धि है। भारत की इस स्थिति पर शाह ने कई वर्षों तक शोध किया है। डॉ. शाह का पूर्व कार्य और शैक्षणिक अनुभव मुख्य रूप से आर्थिक वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, सांस्कृतिक परिवर्तन, उभरती अर्थव्यवस्थाएं, लैंगिक समानता और अंतर-सांस्कृतिक प्रबंधन पर केंद्रित रहा है। 

इससे पहले, डॉ. शाह के अध्ययन और शोध हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू सहित शीर्ष स्तरीय अकादमिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उनके केस अध्ययन में ट्विटर (एक्स), स्टोली वोदका, क्वात्रो ग्लोबल सर्विसेज और अन्य को शामिल किया गया है। उनके पास रटगर्स विश्वविद्यालय से वैश्विक मामलों में पीएच.डी., सार्वजनिक मामलों और राजनीति में मास्टर्स और राजनीति विज्ञान में बी.ए. की डिग्री है। 

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एनाग्राम डेस्टिनी स्पार्क प्रेस/साइमन शूस्टर द्वारा प्रकाशित है। अधिक जानकारी Grishma@ShahGrishma.com से पाई जा सकती है। यहां संपर्क भी कर सकते हैं--- 609-529-1063 
 

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