अमेरिका में बंदूक रखने के अधिकार के लिए लड़ने वाली संस्था, गन ओनर्स ऑफ अमेरिका (GOA) ने डोनाल्ड ट्रम्प के FBI डायरेक्टर के लिए काश पटेल के नाम का समर्थन किया है। पटेल, हथियारों के अधिकार के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। यही कारण है कि GOA, जिसके दो मिलियन से ज्यादा मेंबर और एक्टिविस्ट हैं, ने पटेल का समर्थन किया है। संस्था का कहना है कि काश पटेल का संविधान के मुताबिक काम करने का तरीका, GOA के मकसद और बिना किसी समझौते के हथियार रखने के अधिकार की रक्षा करने से बिलकुल मेल खाता है।
GOA के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एरिक प्रैट ने पटेल के नाम पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो FBI में संविधान के मुताबिक काम करने की कोशिश करेंगे। प्रैट ने कहा, 'हमें काश पटेल के FBI चीफ बनने की खबर सुनकर बहुत खुशी हुई।पिछले चार सालों से हथियार विरोधी लोग FBI का इस्तेमाल गन ओनर्स के खिलाफ कर रहे थे। अब हमें यकीन है कि काश पटेल की लीडरशिप में उनका हिसाब होगा।'
पिछले अगस्त में नॉक्सविले में हुए GOA के पहले गन ऑनर्स एक्टिविस्ट लीडरशीप समिट (GOALS) सम्मेलन में पटेल ने भाषण दिया था। ऐसे में GOA ने पटेल को हथियार समर्थक और सेकेंड अमेंडमेंड के कट्टर समर्थक के तौर पर बताया है। GOA के चेयरमैन टिम मैसी ने भी प्रैट की बातों को दोहराते हुए कहा, 'काश पटेल एक सच्चे संवैधानिकवादी हैं और सेकेंड अमेंडमेंड के प्रति उनकी सोच और उनके विचार हमारी तरह ही हैं।'
GOA के लोगों ने मीडिया से बातचीत करने की तैयारी दिखाई और हथियारों पर सरकारी एजेंसियों के रोल को लेकर हो रही बहसों के बीच पटेल के नॉमिनेशन के महत्व पर जोर दिया। संस्था हथियार रखने के अधिकार के लिए लगातार आवाज उठाती रही है और उन्हें पटेल के नेतृत्व से संविधान के सिद्धांतों के ज्यादा पास आने की उम्मीद है।
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