बांग्लादेश की विकराल स्थिति और अल्पसंख्यकों पर हमलों के बीच हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) और हिंदू समुदाय के सदस्यों ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के राजदूत राशद हुसैन से मुलाकात की और अमेरिकी सरकार से तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया।
राजदूत हुसैन से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में एचएएफ की पॉलिसी रिसर्च डायरेक्टर अनीता जोशी, HinduAction के उत्सव चक्रवर्ती, ह्यूमन राइट्स कलेक्टिव फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज की कार्यकारी निदेशक प्रिया साहा और भू-राजनीतिक विश्लेषक जय कंसारा शामिल थे।
हिंदू समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राजदूत हुसैन को पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा के बारे में अवगत कराया। उन्होंने पूरे देश में हिंसा के बीच पिछले 48 घंटों के अंदर हिंदुओं और मंदिरों के खिलाफ हमलों के दस्तावेजी सबूत भी साझा किए।
मुलाकात की जानकारी देते हुए एचएएफ की अनीता जोशी ने कहा कि हमने राजदूत हुसैन से कहा बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हो रही है और अमेरिकी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निंदा करने में कांग्रेस और बाइडेन प्रशासन की विफलता को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में जमीनी स्तर पर हालात बेहद विकराल हैं। हमने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रही हिंसा और हिंदू अल्पसंख्यकों पर दशकों से होते आ रहे दुर्व्यवहार को रोकने के लिए अपने प्रभाव और संसाधनों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।
बता दें कि भारतीय-अमेरिकियों की यह मुलाकात बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन से पहले हुई। बांग्लादेश में गुरुवार रात को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। उन्हें भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 50 मिनट पर राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई।
यूनुस के साथ 13 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई है, जिनमें इस्तीफा दे चुकी पीएम शेख हसीना के विरोधी रहे छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल हैं। शेख हसीना बांग्लादेश में हिंसा भड़कने के बीच 5 अगस्त को ही ढाका छोड़कर दिल्ली आ गई थीं।
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