फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास का कहना है कि ईरान में तड़के उसके नेता इस्माइल हानियेह की हत्या कर दी गई। 31 जुलाई को हमास ने हमले को 'गंभीर' बताया है और कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स हानियेह की मौत की पुष्टि की है।
गार्ड्स का कहना है कि देश के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के कुछ घंटों बाद हानियेह की मौत हो गई। मामले की जांच की जा रही है। इस घटनाक्रम को लेकर इजरायली अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। व्हाइट हाउस ने भी हानियेह पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
यह खबर, जो इजराइल द्वारा हिजबुल्लाह कमांडर को मारने का दावा करने के 24 घंटे से भी कम समय बाद आई है, में कहा गया है कि इजराइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में एक घातक हमले के पीछे उसका हाथ था। यह गाजा में किसी भी आसन्न युद्धविराम समझौते की संभावनाओं को पीछे धकेलता हुआ प्रतीत होता है।
हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू ज़ुहरी ने कहा कि भाई हानियेह की हत्या एक गंभीर मामला है जिसका उद्देश्य हमास के इरादों को तोड़ना है। मगर हमास उसी रास्ते पर चलता रहेगा जिस पर वह चल रहा है। बकौल सामी- हमें जीत का भरोसा है।
आमतौर पर कतर में रहने वाला हानियेह फिलिस्तीनी समूह की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का चेहरा रहा है क्योंकि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के नेतृत्व वाले हमले से शुरू हुआ युद्ध गाजा में भड़क गया था। वहां उसके तीन बेटे इजरायली हवाई हमले में मारे गए थे।
2017 में हमास के शीर्ष पद पर नियुक्त हानियेह अवरुद्ध गाजा पट्टी के यात्रा प्रतिबंधों से बचकर तुर्की और कतर की राजधानी दोहा के बीच चले गए थे। उन्हें युद्धविराम वार्ता में वार्ताकार के रूप में कार्य करने या हमास के सहयोगी ईरान से बात करने की जिम्मेदारी मिली थी।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login