अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान में भले ही अभी समय बाकी है, लेकिन चुनावी फंडिंग का आंकड़ा देखें तो कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प से तीन कदम आगे हैं। दोनों के अगस्त महीने की चुनावी फंडिंग देखें तो ट्रम्प के मुकाबले हैरिस को तिगुनी रकम मिली है।
कमला हैरिस के राष्ट्रपति अभियान और डेमोक्रेटिक पार्टी ने अगस्त के महीने में 361 मिलियन डॉलर जुटाए। इसकी वजह से हैरिस कैंपेन के पास सितंबर की शुरुआत में चुनावी खर्च के लिए 404 मिलियन डॉलर की नकद रकम इकट्ठा हो गई है।
वहीं, रिपब्लिकन प्रत्याशी ट्रम्प की कैंपेन टीम ने बताया है कि उन्होंने और रिपब्लिकन पार्टी ने मिलकर अगस्त के महीने में 130 मिलियन डॉलर की रकम इकट्ठा की है। इस तरह चुनावी खर्च के लिए फिलहाल उनके पास 295 मिलियन डॉलर नकद बचे हैं।
इस चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के प्रचार अभियान पर एक अरब डॉलर से अधिक की रकम खर्च होने का अनुमान है। अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। ट्रम्प और हैरिस इस फंडिंग का इस्तेमाल विज्ञापनों और करीबी मुकाबले वाले राज्यों में अपने प्रचार अभियान पर कर रहे हैं।
प्रत्याशियों के धन उगाही अभियान पर अमेरिकी चुनाव नियामकों द्वारा पैनी नजर रखी जाती है। यह रकम भी एक तरह से प्रत्याशियों को मिलने वाले समर्थन का सूचक माना जाता है। इस रकम में उम्मीदवारों का समर्थन करने वाले बाहरी समूहों द्वारा जुटाया गया धन शामिल नहीं होता है।
चुनावी फंडिंग के ये आंकड़े हैरिस और ट्रम्प के बीच टीवी पर पहली डिबेट से पहले आए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन के रेस से हटने और 21 जुलाई को हैरिस को अपना उत्तराधिकारी घोषित से डेमोक्रेटिक पार्टी के फंडरेजर्स और दानदाता खासे सक्रिय हो गए हैं।
हैरिस कैंपेन का दावा है कि अगस्त में हैरिस के लिए अपनी जेब खोलने वाले 13 लाख नए दानदाताओं में से तीन-चौथाई ऐसे हैं, जिन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में योगदान नहीं दिया था। अगस्त में फंड देने वाले 10 दानदाताओं में से हर छह से अधिक महिलाएं रहीं, वहीं हर पांच में से करीब एक पंजीकृत रिपब्लिकन या स्वतंत्र मतदाता थे।
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