अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस ने अमेरिका के मध्यवर्गीय और शहरी वोटरों के बीच रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प से आगे निकल गई हैं। रायटर्स और इप्सोस के ताजा सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है।
सर्वे कहता है कि राष्ट्रपति बाइडेन के रेस से हटने के बाद इन वर्गों में ट्रम्प ने बढ़त बना ली थी, लेकिन अब हैरिस इन दोनों बड़ी आबादी में आगे निकल गई अपनी हैं। इससे 5 नवंबर के चुनाव में डेमोक्रेट्स की जीत की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं। हालांकि रेस में अब भी करीबी टक्कर बनी हुई है। उपनगरीय वोटर अमेरिकी मतदाताओं का लगभग आधा हिस्सा हैं।
सर्वे के मुताबिक, बाइडेन के रेस से हटने से पहले जून और जुलाई में ट्रम्प उपनगरीय वोटरों में 40% के मुकाबले 43% तक आगे चल रहे थे। हैरिस ने जुलाई में अपना कैंपेन शुरू करते समय इस अंतर को पाटना शुरू कर दिया था। सितंबर और अक्टूबर में सर्वे में उपनगरीय मतदाताओं के बीच ट्रम्प के ऊपर उन्होंने 41% के मुकाबले 47% से बढ़त बना ली थी।
इस अवधि में 50 हजार से एक लाख डॉलर कमाने वाले वोटरों में ट्रम्प को 44 फीसदी और बाइडेन को 37 फीसदी का समर्थन हासिल था। लेकिन हैरिस ने मैदान में आने के बाद ट्रम्प के ऊपर दो पॉइंट्स से बढ़त हासिल कर ली। उन्होंने ट्रम्प से नौ पॉइंट स्विंग में भी बाजी मार ली।
रॉयटर्स/इप्सोस के सर्वे से पता चला है कि मतदाताओं के बीच चुनाव अर्थव्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है। अक्टूबर में किए गए एक सर्वे में 46% मतदाताओं का कहना था कि अर्थव्यवस्था के मामले में ट्रम्प ज्यादा बेहतर उम्मीदवार हैं। वहीं हैरिस को 38% ही अच्छा मानते हैं।
सर्वे के मुताबिक आव्रजन और अपराध संबंधी मुद्दों पर भी ये मतदाता ट्रम्प को अधिक भरोसेमंद उम्मीदवार के रूप में देखते हैं। ट्रम्प का महंगाई के लिए बाइडेन प्रशासन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराना भी वोटरों को लुभा रहा है।
इस बीच हैरिस ने मध्य वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए अपने भाषणों में काफी ध्यान दिया है। उन्हें लोकतंत्र की रक्षा और राजनीतिक चरमपंथ के खिलाफ स्टैंड लेने के लिए बेहतर उम्मीदवार माना जाता है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login