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हार्वर्ड संस्थान भारत के साथ जलवायु अनुकूलन सम्मेलन में साझेदारी करेंगे

भारत का पर्यावरण मंत्रालय ‘इंडिया 2047: एक जलवायु-लचीले भविष्य का निर्माण’ नाम से एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करेगा। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत की भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) और हार्वर्ड विश्वविद्यालय का लोगो / फोटो: फेसबुक

भारत का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दो प्रमुख संस्थानों लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशिया इंस्टीट्यूट और सालाटा इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट एंड सस्टेनेबिलिटी के साथ मिलकर 19 से 22 मार्च तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा।

यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों और भविष्य की तैयारियों पर केंद्रित होगा। इसमें सरकार, वैज्ञानिक, उद्योग जगत, शिक्षाविद और सामाजिक संगठनों के लोग हिस्सा लेंगे। वे मिलकर चर्चा करेंगे कि कैसे भारत 2047 तक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से खुद को सुरक्षित और मजबूत बना सकता है।

सम्मेलन में ये मुख्य विषय रहेंगे:

  • जलवायु परिवर्तन - पानी, खेती, स्वास्थ्य, कामकाज और शहरों पर इसका असर
  • महत्वपूर्ण चुनौतियां – हीटवेव, पानी की कमी, श्रमिकों की उत्पादकता, स्वास्थ्य समस्याएं और शहरों की जलवायु के अनुकूल तैयारी
  • समाधान के उपाय – नीति निर्माण, आर्थिक सहयोग, पारंपरिक ज्ञान, रोजगार, कौशल विकास और लैंगिक समानता

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नई जलवायु नीतियां तैयार करना और भारत की राष्ट्रीय जलवायु अनुकूलन योजना (National Adaptation Plan) को मजबूत बनाना है। इस आयोजन से वैज्ञानिक शोध, नीतिगत सुझाव और व्यावहारिक समाधान तैयार किए जाएंगे ताकि भारत आने वाले वर्षों में जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हो सके।

 

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