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हेमा मालिनी : दशकों से, बरसों तक... मिलेनियम ड्रीम गर्ल

नृत्य हमेशा से हेमा मालिनी की पहला प्रेम रहा है। और यह भी सच है कि नृत्य के कारण ही हेमा ने अभिनय की राह पकड़ी। लेकिन अगर कोई उनसे पूछे कि पहले वे क्या हैं। एक नृत्यांगना या फिर ड्रीम गर्ल। वह कहती हैं कि मैं दोनों ही हूं। लेकिन यह दर्शकों का प्रेम है जो दोनों स्वरूपों में स्वीकार करता है।

शुबरना मकर्जी शू

हेमा मालिनी का नाम लते ही दो बातें या तस्वीरें जेहन में उभरती हैं। एक, गजब का अकर्षक और भव्य चेहरा। और दूसरे... बहुत सारी सच्ची बातें बनाने वाली 'वासंती' युवती। एक बार उनके उपनगरीय बंगले में उनके साथ बैठे हुए याद आ रहा था कि अक्सर पैप्ज़ (पैपराज़ी) अभिनेता-अभिनेत्रियों से पूछते हैं कि वे कौन से ब्रांड की चीजें पहनते हैं। फिर याद आया कि इस सवाल के जवाब में हेमा ने क्या कहा था। कहा था- मैं अपना सारा पैसा उस बैग पर क्यों खर्च करूं जिसके अंदर रखने के लिए मेरे पास कुछ  भी न बचे। दमदार था हेमा मालिनी का तर्क। शायद इसी तरह की बातों के लिए उन्हे याद भी किया जाता है। प्यार किया जाता है। चमकते संसार में दशकों बिताने, जनता की नजरों में बरसों रहने के बाद आज भी वे पहले जैसी ही हैं। उनके नजरिये और बातों में कुछ नहीं बदला है। 

सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाली अभिनेत्री
70 के दशक में हेमा मालिनी और जीनत अमान का शुमार सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाली अभिनेत्रियों में था। अपने 40 साल के करिअर में 150 से अधिक फिल्में करते हुए टॉप पर बने रहना आसान तो कतई नही रहा होगा। लेकिन हेमा मालिनी ने वह सब बड़ी सहजता के साथ किया और निभाया। हेमा मालिनी 11 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नामित हुईं। बॉक्स अॉफिस पर आने के बाद फिल्म की किस्मत चाहे जैसे रही हो लेकिन हेमा मालिनी के कद पर उसका कभी कोई असर नहीं रहा। गुलजार की खुशबू से लेकर राडन सिप्पी की शोले, लाल पत्थर, सीता और गीता जैसी फिल्मों के लिए हेमा मालिनी आज भी याद की जाती हैं। और जॉनी मेरा नाम में देव आनंद के साथ उनकी जोड़ी और ...फिर भी मैंने वादा तो निभाया किसे याद नहीं है। व्यावसायिक सिनेमा के लिहाज से जॉनी मेरा नाम एक कल्ट फिल्म थी, जिसे आज भी याद किया जाता है। 

दिल चुराने वाली अदाकारा
यह सही है कि उन्हे ड्रीम गर्ल का खिताब उनकी अदाकारी और उस दौर की फिल्मी कहानियों में उनके काम के आधार पर दिया गया होगा लेकिन उनके कोस्टार्स के लिए वे सही मायनों में ड्रीम गर्ल ही रही होंगी। ड्रीम गर्ल के असल माननों की तरह। एक इंटरव्यू में हेमा मालिनी ने बताया भी था कि उस दौर में उनके साथ काम करने वाले कई अभिनेताओं ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव भी रखा था। हालांकि हेमा मालिनी की लव लाइफ के बारे में बहुत कुछ उजागर नहीं है लेकिन धर्मेंद्र से उनकी ड्रीम गर्ल की पहली मुलाकात सपनों का सौदागर रिलीज होने के बाद हुई थी। कहा जाता है कि धर्मेंद्र और हेमा पहली बार आसमान के प्रीमियर पर मिले थे। तब तक हेमा ने केवल एक ही फिल्म की थी। 1968 में रिलीज हुई हेमा की पहली फिल्म सपनों का सौदागर फ्लॉप हो गई थी और इसकी वजह से वह खासी परेशान भी थीं। 

हेमा को पहली बार देखने और उनसे मिलने के बाद धर्मेंद्र के दिल में सपने जागने लगे थे लेकिन उस समय उन्होंने सुपरस्टार की भावनाओं पर ध्यान नहीं दिया। जाहिर है कि पहली फिल्म के फ्लॉप होने के बाद उनका सारा ध्यान अपने करिअर पर था। एक अदद हिट का बेसब्री से इंतजार था। हेमा ने अगली फिल्म संजीव कुमार के साथ साइन की। कुमार के रूप में हेमा को एक दोस्त तो मिला ही साथ ही मिला एक आत्मविश्वास। लेकिन जब संजीव कुमार ने शादी का प्रस्ताव रखा तो हेमा की मां जया चक्रवर्ती ने उसे सिरे से खारिज कर दिया। हेमा की मां चाहती थीं कि बेटी की शादी अपनी ही जाति में हो और शायद उन्होंने किसी को देख भी रखा था। 

संजीव कुमार से शाहरुख तक...
खैर, संजीव कुमार का शादी वाला प्रस्ताव ठुकराने के बाद हेमा का दिल तो टूटा लेकिन उनकी मां को इसका जरा भी अहसास नहीं हुआ। बल्कि उन्होंने हेमा की धर्मेंद्र से नजदीकियों को एक तरह से हरी झंडी ही दिखाई। यह जानते हुए भी कि बहुत पहले से शादीशुदा एक व्यक्ति के साथ उनकी बेटी की दोस्ती कितनी दूर तलक जाएगी। फिल्म वारिस की शूटिंग के दौरान जीतेंद्र भी हेमा के प्यार में पागल हो गये थे। जीतेंद्र की शोभा से सगाई भी हो गई थी मगर जंपिंग जैक ने फिर भी हेमा के सामने शादी की पेशकश कर डाली थी। हेमा की मां इसके लिए तैयार भी हो गई थीं। बातें काफी आगे बढ़ गई थीं। मगर हेमा से दूरी और जुदाई का अहसास होते ही धरम पाजी शोभा को लेकर चेन्नई में उस जगह पहुंच गये जहां जीतेंद्र और हेमा की शादी होने वाली थी। यहां से कहानी अलग हो गई। बाद में जीतेंद्र ने शोभा से 1974 में शादी की और 2 मई 1980 में हेमा मालिनी धर्मेंद्र की पत्नी बनीं। बहरहाल, यह बात बहुत कम लोगों को मालूम होगी कि अपनी पहली फिल्म दिल आशना है के लिए हेमा मालिनी ने ही शाहरुख खान को पहली बार साइन किया था। इस फिल्म में दिव्या भारती नायिका थीं। लेकिन जब हेमा ने शाहरुख को साइन किया था तब उन्हे यह अहसास नहीं था कि वे भविष्य के सुपरस्टार को साइन कर रही हैं।

पहले नृत्य ...बाद में अभिनय
नृत्य हमेशा से हेमा मालिनी की पहला प्रेम रहा है। और यह भी सच है कि नृत्य के कारण ही हेमा ने अभिनय की राह पकड़ी। लेकिन अगर कोई उनसे पूछे कि पहले वे क्या हैं। एक नृत्यांगना या फिर ड्रीम गर्ल। वह कहती हैं कि मैं दोनों ही हूं। लेकिन यह दर्शकों का प्रेम है जो दोनों स्वरूपों में स्वीकार करता है।

नृत्यांगना से पहले एक मां
सब जानते हैं कि हेमा मालिनी की दो बेटियां हैं। ईशा और अहाना। दोनों को लेकर वे खासी प्रोटेक्टिव हैं। यह अहसास उनके मन में तब भी रहता है जब वे स्टेज कर रही होती हैं। बल्कि तीनों ने मिलकर कई स्टेज शो किये हैं। वे कहती हैं कि जब तीनों स्टेज पर होते हैं तब भी नजर बेटियों पर ही रहती है। कि वे कैसा कर रही हैं। ठीक कर रही हैं .या नहीं। दर्शकों को पसंद तो आएगा न।

 

 

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