अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अमेरिका के ह्यूस्टन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वप्निल और मानसी के नेतृत्व में महाराष्ट्र मंडल के 50 सदस्यों द्वारा ढोल वादन से हुई।
ढोल की थाप के बीच विशेष तौर पर सजाए गए पुष्प वाहन में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान का स्वरूप बने छोटे-छोटे बच्चे ने मनोहर झांकी निकाली, जिसका समन्वय शीतल राठी ने किया।
स्वप्निल मासी समूह ने वही रामधुन बजाई, जो 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बजाई गई। ह्यूस्टन के अधिकतर मंदिरों में पूजे जाने वाले रामलला दरबार को अरुण मुंद्रा, गिरीश नाइक, रचना शाह, विजय पल्लोड, थारा नरसिम्हन आदि ने अपने हाथों में लेकर सवारी निकाली।
इस दौरान भगवान राम पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रवेश द्वार पर लिम्का रिकॉर्ड धारक संगीता की रंगोली ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मीनाक्षी मंदिर के राम दरबार ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। ढोल टीम ने पूरे इवेंट में जोश भर दिया।
मीनाक्षी मंदिर के पुजारियों ने रामनाम मंत्र का जाप और पहली आरती की। इसके बाद गिरीश नाइक ने स्वागत भाषण दिया। इंद्र पार्थ ग्रुप ने रामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारुणम.. गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। विजय दीक्षित की अगुआई में ह्यूस्टन के विभिन्न मंदिरों के पुजारियों और विभिन्न सरकारी अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए प्रमुख सामुदायिक नेताओं को सम्मानित किया गया जिनमें अरुण वर्मा, सुरेश पटेल, अरुण मूंदड़ा, सूर्य साहू, सोमनाथ अग्रवाल, रमेश भुटाडा, बेथ कुलकर्णी, लक्ष्मी नारायण (पुजारी), मनीषा गांधी, अचलेश अमर, उमंग भाई, महेंद्र, कुसुम व्यास आदि शामिल थे।
कार्यक्रम में कई देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनमें वियतनाम से एंडी फान, नेपाल के अमित्य दिनकर, इंडोनेशिया से अधि कुसुमजय, फिलीपींस से नेवलिन एड्रिटिको, चीन से एमी झेंग, दुबई से करण, कनाडा से अभिषेक, विनीत चौधरी और पाकिस्तान से कुंवर नरेश सिंह प्रमुख थे।
कार्यक्रम में थारा नरसिम्हन अध्यक्ष विजय पल्लोड और गिरीश नाइक ने की। गिरीश राठी, पार्थ, हेमंत, विनोद, भगवान, सोमांश, बिजय, मनीषा, अरुण आदि सलाहकार बोर्ड के सदस्यों, स्वयंसेवकों ने इसमें सहयोग किया। कार्यक्रम समन्वयक हेमांशु माहेश्वरी रहे। कार्यक्रम में जुगल मलानी, स्वतंत्र जैन, दुर्गा अग्रवाल जैसी ह्यूस्टन जाने जाने वाली हस्तियों के साथ-साथ कई सामुदायिक नेता भी उपस्थित थे।
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