भारत में मिडसाइज लग्जरी ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी की मांग में बढ़ोतरी को देखते हुए अमेरिका के हिल्टन होटल्स ने अगले पांच वर्षों में भारत में अपने होटल रूम्स की संख्या चार गुना करने की योजना बनाई है।
हिल्टन ने इंडियन एम्बेसी ग्रुप के साथ भारत में अपने 150 स्पार्क ब्रांड होटल खोलने के लिए लाइसेंसिंग समझौता किया है। हिल्टन के एशिया प्रशांत (एपीएसी) व्यवसाय के अध्यक्ष एलन वाट्स ने कहा कि इससे अगले पांच वर्षों में भारत में होटल कमरों की संख्या चौगुनी होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय डोमेस्टिक ट्रैव मार्केट में बूम के इस दौर में हम प्रतिद्वंदियों से बेहतर तरीके से मुकाबला कर पाएंगे। बता दें कि वर्जीनिया स्थित हिल्टन कंपनी के इस वक्त भारत में 29 होटल हैं जबकि इंटरकॉन्टिनेंटल के 45, हयात के 50 और मैरियट के 150 हैं।
होटल संचालक भारत में विविध संपत्ति पोर्टफोलियो बना रहे हैं। वे मिड साइज संपत्तियों में भारी निवेश कर रहे हैं जो मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं की किफायती होटल की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से अहम है। भारत में कोरोना महामारी के बाद घरेलू यात्राओं में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
हिल्टन के एपीएसी बिजनेस प्रेसिडेंट एलन वाट्स ने कहा कि पिछले एक दशक में हिल्टन की चीन को तवज्जो देने की नीति अपनाई थी। उसने अन्य एशियाई देशों से पहले चीन में अपने ब्रांड लॉन्च किए थे। अब हमने भारत पर फोकस करने की नीति बनाई है। इसी के तहत एपीएसी का पहला स्पार्क ब्रांड भारत में लॉन्च किया गया है। मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। यह दिखाता है कि भारत में कितनी संभावनाएं हैं।
पिछले महीने हिल्टन के सीईओ क्रिस्टोफर नासेटा ने कहा था कि कंपनी एपीएसी में अपने कारोबार को अब चीन के बाहर ट्रांसफर कर रही है क्योंकि देश में तीसरी तिमाही के राजस्व में 9% की गिरावट आई है। इसकी वजह चीन के उपभोक्ताओं द्वारा आर्थिक चुनौतियों के बीच ट्रैवल जैसे विवेकाधीन खर्चों में कटौती करना है।
जेएलएल के होटल्स एंड हॉस्पिटैलिटी ग्रुप के एमडी जयदीप डैंग का कहना है कि भारत में घरेलू यात्रा उद्योग काफी मजबूत हो रहा है। यह विदेशी हॉस्पिटैलिटी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। जेएलएल को उम्मीद है कि 2024 के अंत तक भारत में होटल उद्योग में रियल एस्टेट निवेश 413 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा जो पिछले साल की तुलना में 22% अधिक है।
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