ADVERTISEMENT

इंडियानापोलिस के 12वें वार्षिक फेस्टिवल ऑफ फेथ में नजर आया विविध आस्थाओं का संगम

इस साल फेस्टिवल की थीम एक्सप्लोरिंग पीस थ्रू योर फेथ थी। महोत्सव में विभिन्न आस्थाओं और समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और प्रार्थना, संगीत, परिचर्चा आदि कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। 

महोत्सव की शुरुआत में विभिन्न आस्थाओं व संस्कृतियों के लोगों ने एकसाथ मार्च किया। / Image provided

अमेरिका के डाउनटाउन इंडियानापोलिस में 12वें एनुअल फेस्टिवल ऑफ फेथ का भव्य आयोजन किया गया। सेंटर फॉर इंटरफेथ कोऑपरेशन (सीआईसी) की तरफ से आयोजित इस महोत्सव में विभिन्न आस्थाओं और समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और प्रार्थना, संगीत, परिचर्चा आदि कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। 

इस साल फेस्टिवल की थीम एक्सप्लोरिंग पीस थ्रू योर फेथ थी। महोत्सव की शुरुआत इंडियाना वॉर मेमोरियल के आसपास जुलूस से हुई। इस दौरान पारंपरिक पोशाक पहने विभिन्न आस्थाओं व संस्कृतियों के लोगों ने एकसाथ मार्च करते हुए शांति और एकता के गीत गाए। इसके बाद धार्मिक नेताओं की प्रार्थनाओं के साथ महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ हुआ। 

हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व जेआर संदादी ने किया। सेंटर फॉर इंटरफेस कोऑपरेशन के वाइस चेयरमैन संदादी ने आंतरिक मन की शांति पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दुनिया में हिंदू धर्म हमें बताता है कि शांति तब मिलती है जब हम अपनी साझा दिव्यता को गले लगाते हैं और सभी के कल्याण के लिए मिलकर काम करते हैं। सर्वे भवन्तु सुखिनः... यानी सभी खुश रहें, सभी शांतिपूर्ण हों, हमारा मूल मंत्र है। 

महोत्सव का प्रमुख आकर्षण विभिन्न विश्वास संगठनों के इंटरएक्टिव बूथ थे। / Images provided

संदादी के अनुसार, इस महोत्सव का प्रमुख आकर्षण विभिन्न विश्वास संगठनों के इंटरएक्टिव बूथ थे। इनमें सेंट्रल इंडियाना के हिंदू मंदिर, इंडियाना बौद्ध केंद्र, मस्जिद अल-फज्र, इंडियानापोलिस ब्रह्मा कुमारी, इंडियानापोलिस के सिख सत्संग, इंडियानापोलिस के आर्चडीओसी, हिंदू स्वयंसेवक संघ, और चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स आदि शामिल थे। इन बूथों पर लोगों को विविध आस्थाओं व विश्वास के विभिन्न पहलुओं जैसे कि हिजाब पहनने, सिख पगड़ी बांधने या हिंदू रक्षा सूत्र बांधने आदि  का साक्षी बनने का अवसर मिला। 

उत्सव में शामिल हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) के बूथ पर लोगों को समृद्ध सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अनुभव मिला। एचएसएस के स्वयंसेवकों ने हिंदू मूल्यों और परंपराओं के बारे में अंतर्दृष्टि साझा की। शारीरिक एवं मानसिक कल्याण के लिए योग जैसी प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा ओम और स्वास्तिक जैसे पवित्र प्रतीकों का महत्व भी बताया। इस दौरान लोगों को ध्यान की तकनीकों से परिचित कराया गया, जिसका उद्देश्य माइंडफुलनेस और आंतरिक शांति को बढ़ावा देना था।
 

महोत्सव मे आंतरिक शांति में धर्म की भूमिका पर पैनल चर्चा भी की गई। / Image provided

महोत्सव का एक आकर्षण महिलाओं की पैनल चर्चा थी जिसका शीर्षक था- मेरा विश्वास शांति पाने में मेरी कैसे मदद कर सकता है। सीआईसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर चार्ली विल्स द्वारा संचालित इस पैनल चर्चा में सीआईसी की कार्यक्रम समिति अध्यक्ष लिन मार्टिन, इंडियानापोलिस मुस्लिम कम्युनिटी एसोसिएशन की सीनियर नबीहा महमूद, इंडियानापोलिस हिब्रू मण्डली की रब्बी जोर्डाना चेरनो, टीसीएस में इंजीनियर हरिंदर कौर, सेंट्रल इंडियाना के हिंदू मंदिर से एमडी डॉ. प्रिया मेनन और वरिष्ठ पादरी व हाउस ऑफ जुडाह एम्पावरमेंट आउटरीच मिनिस्ट्रीज की संस्थापक डॉ. मैडलीन क्लार्क अलेक्जेंडर ने भागीदारी की। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related