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1985 एयर इंडिया बमबारी : संदिग्ध की हत्या के दोषी कॉन्ट्रैक्ट किलर को उम्रकैद

मलिक की 14 जुलाई, 2022 को सरे, ब्रिटिश कोलंबिया में उनके व्यवसाय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों दोषियों ने वित्तीय मुआवजे के लिए हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी।

सांकेतिक तस्वीर / Pexels

वर्ष 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले के पूर्व संदिग्ध रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के दोषी एक कॉन्ट्रैक्ट किलर को 28 जनवरी को कनाडा में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सीबीएस ने अदालती दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि 24 वर्षीय टैनर फॉक्स को पैरोल के लिए पात्र होने से पहले कम से कम 20 साल की सजा काटनी होगी।

फॉक्स और उसके सहयोगी जोस लोपेज को पिछले अक्टूबर में मलिक की सेकेंड-डिग्री हत्या के लिए दोषी ठहराया था। मलिक की 14 जुलाई, 2022 को सरे, ब्रिटिश कोलंबिया में उनके व्यवसाय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों दोषियों ने वित्तीय मुआवजे के लिए हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी। लेकिन यह बताने से इनकार कर दिया था कि उन्हें किसने सुपारी दी थी। 

सजा की सुनवाई के दौरान बीसी सुप्रीम कोर्ट से मलिक के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई थी। मलिक की बहू संदीप कौर धालीवाल ने सीधे फॉक्स को संबोधित करते हुए अदालत में कहा कि हम आपसे उन लोगों के नाम उजागर करने का अनुरोध करते हैं जिन्होंने आपको काम पर रखा था।

अदालत को बताया गया कि फॉक्स और लोपेज ने हत्या से कुछ सप्ताह पहले एक होंडा सीआर-वी चुरा ली थी। बाद में पहचान से बचने के लिए उसकी लाइसेंस प्लेटें बदल दीं। हमले के दिन दो लोगों ने मलिक को उस समय कई बार गोली मारी जब वह अपनी कार में बैठे थे। अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने से पहले उन्होंने भागने वाले वाहन को आग लगा दी।

क्राउन अभियोजक मैथ्यू स्टेसी ने अपराध को वित्तीय लाभ के लिए की गई 'योजनाबद्ध और जानबूझकर हत्या' के रूप में अदालत के सामने रखा। रिपोर्ट के अनुसार फॉक्स के सह-आरोपी लोपेज को 6 फरवरी को अदालत में पेश होना है।

कौन था मलिक
व्यवसायी और सामुदायिक नेता मलिक को 2005 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 बम विस्फोट से संबंधित आरोपों से बरी कर दिया गया था। धमाके में 23 जून, 1985 को आयरलैंड के तट पर 329 लोग मारे गए थे। यह हमला 9/11 से पहले विमानन आतंकवाद का सबसे घातक कृत्य बना हुआ है।

हालांकि सबूतों की कमी के कारण दोषमुक्त होने के बावजूद मलिक उस कांड के केंद्र में बने रहे। अलबत्ता, उनके बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने अपने पिता को बमबारी से जोड़ने वाले मीडिया चित्रण की आलोचना की।

मलिक की हत्या के पीछे का मकसद और लोग स्पष्ट नहीं हैं इस कारण उनके परिवार में भय का माहौल है। धालीवाल ने अदालत में कहा कि यह डर और चिंता यह न जानने से आती है कि आपको किसने काम पर रखा है। धालीवाल ने कहा- क्या अब हम निशाने पर हैं?

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