ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 37वें ऑस्ट्रेलियाई सिख खेलों का शानदार समापन हुआ। 18 से 20 अप्रैल तक तीन दिन चले इस इवेंट में खेल भावना, संस्कृति और सामुदायिक भावना का शानदार मिश्रण देखने को मिला। बास हिल इलाके में हुए इन खेलों में हजारों दर्शक और 6000 से अधिक खिलाड़ी शामिल हुए।
ये गेम्स पंजाबी-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय का एक खास हिस्सा हैं, जिनमें फुटबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, गतका (सिख मार्शल आर्ट्स), वॉलीबॉल, रस्साकशी, हॉकी, कुर्सी दौड़ और क्रिकेट जैसी प्रतियोगिताएं हुईं। एक खास बात यह रही कि दूसरी पीढ़ी के ऑस्ट्रेलियाई बच्चों ने भी बहुत उत्साह और गर्व के साथ इसमें हिस्सा लिया।
हमेशा की तरह, कबड्डी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसे अक्सर पंजाबियों का सबसे पसंदीदा खेल माना जाता है। फाइनल मैच में मीरी पीरी स्पोर्ट्स क्लब और वेस्टर्न खालसा स्पोर्ट्स क्लब सिडनी के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ, जिसमें वेस्टर्न खालसा विजयी रहा। मेशी हरखोवाल को सर्वश्रेष्ठ रेडर और जग्गा चिट्टी को सर्वश्रेष्ठ स्टॉपर का पुरस्कार मिला।
खेलों के अलावा, ये गेम्स एक शानदार सांस्कृतिक उत्सव भी थे। गिद्दा और भांगड़ा जैसे पारंपरिक नृत्य प्रदर्शनों को खूब सराहा गया और कला प्रदर्शनियों ने इसमें एक अलग ही रंग भरा। इवेंट ग्राउंड के आसपास लगे स्टॉलों ने सिडनी में एक मिनी-पंजाब जैसा माहौल बना दिया। यहां पारंपरिक भोजन से लेकर हस्तनिर्मित विरासत की चीजें- जैसे कि चारपाई, स्टूल और पीसने वाले पत्थर तक सब कुछ मौजूद था।
आयोजन समिति ने सभी मेहमानों के लिए मुफ्त सामुदायिक भोजन (लंगर), ताजे फल, जूस, चाय, नाश्ता और पानी की व्यवस्था करके बेहतरीन मेहमाननवाजी का ध्यान रखा। हर किसी को स्वागत और खास महसूस कराने की पूरी कोशिश की गई।
एक औपचारिक समारोह में, ऑस्ट्रेलियाई सिख गेम्स का आधिकारिक ध्वज अध्यक्ष सरबजीत सिंह ढिल्लों और अन्य समिति सदस्यों को सौंपा गया। औपचारिक रूप से घोषणा की गई कि 38वां ऑस्ट्रेलियाई सिख गेम्स अगले साल मेलबर्न में आयोजित किया जाएगा।
अध्यक्ष ढिल्लों ने पूरे समुदाय, स्वयंसेवकों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और सभी को 2026 के गेम्स में मेलबर्न आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, 'ये गेम्स सिर्फ एक खेल कार्यक्रम नहीं हैं, बल्कि हमारी साझा पहचान और सांस्कृतिक विरासत का जश्न हैं। हम अगले साल इस स्तर को और ऊपर ले जाने की उम्मीद करते हैं।'
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