अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने जेल की लंबी सजा काट रहे करीब 1,500 लोगों की सजा कम कर दी है। इनमें चार भारतीय अमेरिकी मीरा सचदेवा, बाबूभाई पटेल, कृष्णा मोटे और विक्रम दत्ता भी हैं। इसके अलावा अहिंसक अपराधों के 39 दोषियों को माफ भी कर दिया है।
50 वर्षीय डॉ मीरा सचदेवा को 2012 में कीमोथेरेपी सर्विस के झूठे क्लेम से मेडिकेयर को 8.2 मिलियन डॉलर का चूना लगाने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। मिसिसिपी में रोज कैंसर सेंटर चलाने वाली सचदेवा ने कबूला था कि उन्होंने कीमोथेरेपी की दवाएं सस्ते में खरीदी, लेकिन महंगे रेट पर बिलिंग की।
मीरा ने ये भी स्वीकार किया था कि रोगियों को निर्धारित खुराक से कम दवाएं भी दी थीं। सचदेवा पर सजा के अलावा 250,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था। उनके 6 मिलियन डॉलर और कई संपत्तियां भी जब्त कर ली गई थीं।
डेट्रायट के फार्मासिस्ट बाबूभाई (बॉब) पटेल को 57 मिलियन डॉलर की हेल्थकेयर धोखाधड़ी के लिए 17 साल की सजा सुनाई गई थी। पटेल मेट्रो डेट्रायट में 26 फार्मेसी चलाते थे। उन्होंने डॉक्टरों को गैरजरूरी दवाएं लिखने के लिए भुगतान किया। गरीबों को उनके मेडिकेयर जानकारी के बदले रकम दी। 2012 में दोषी ठहराए जाने पर पटेल को 18.8 मिलियन डॉलर का हर्जाना भरने का भी आदेश दिया गया था।
कृष्णा मोटे (43) को 2012 में 280 ग्राम क्रैक कोकीन और 500 ग्राम कोकीन बेचने की साजिश का दोषी ठहराया गया था। पेंसिल्वेनिया में उनका ड्रग्स का धंधा 2005 से लेकर 2007 तक चलाया था। वह घरों में भी नशीले पदार्थ सप्लाई करवाता था। कृष्णा को तीन दिन तक चली सुनवाई के बाद जूरी ने 20 साल जेल की सजा सुनाई थी।
अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर कई रिटेल इत्र स्टोर के मालिक विक्रम दत्ता को 2012 में मैक्सिकन नारकोटिक्स संगठन के लिए लाखों डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अपने इत्र बिजनेस के जरिए दत्ता ने अमेरिका में दवाओं की बिक्री से नकद रकम लेते थे और मैक्सिको में नार्को डॉलर की आवाजाही सुविधा प्रदान करते थे।
इन लोगों को माफ करने और सजा घटाने का ये फैसला राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा अपने बेटे हंटर बाइडेन को बिना शर्त माफी के एक हफ्ते बाद आया है। एक बयान में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर मुझे उन लोगों पर दया करने का विशेषाधिकार मिला है जिन्हें अपनी हरकतों पर पश्चाताप है। हालांकि उनके इस कदम पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
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