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भारत-यूके ऊर्जा संवाद: नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास की ओर एक और कदम

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सतत, मजबूत और समावेशी ऊर्जा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराना था।

नई दिल्ली में 10 फरवरी को आयोजित चौथे भारत-यूके ऊर्जा संवाद में दोनों देशों के ऊर्जा क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सतत, मजबूत और समावेशी ऊर्जा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराना था। संवाद की अध्यक्षता भारत के विद्युत मंत्री मनोहर लाल और यूके के ऊर्जा सुरक्षा एवं नेट जीरो सचिव एड मिलीबैंड ने की। इसमें बिजली वितरण, ऊर्जा क्षेत्र सुधार, औद्योगिक ऊर्जा दक्षता, डीकार्बनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन में कमी) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष चर्चा हुई।

भारत-यूके ऊर्जा सहयोग को नई गति
संवाद के दौरान उभरते हुए क्षेत्रों जैसे ऊर्जा भंडारण, ग्रीन डेटा सेंटर और अपतटीय पवन ऊर्जा (ऑफशोर विंड एनर्जी) में साझेदारी के नए अवसरों की खोज की गई। विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को समर्थन देने पर जोर दिया गया।

इस बैठक का एक प्रमुख आकर्षण भारत-यूके द्विपक्षीय "स्मार्ट पावर और नवीकरणीय ऊर्जा को गति देने" के कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ था। इस चरण के तहत 24x7 बिजली आपूर्ति, नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार और औद्योगिक ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।

नौकरी सृजन और आर्थिक विकास पर बल
भारत और यूके के बीच तकनीकी सहयोग और निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हुई प्रगति का भी जश्न मनाया गया। दोनों देशों के ऑफशोर विंड और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्रों में व्यापार मिशनों की सफलता पर भी चर्चा हुई।

यूके-भारत ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की घोषणा
अपतटीय पवन ऊर्जा (ऑफशोर विंड एनर्जी) को बढ़ावा देने के लिए यूके-भारत ऑफशोर विंड टास्कफोर्स के गठन की घोषणा की गई। यह टास्कफोर्स सप्लाई चेन को मजबूत करने और वित्तीय मॉडल विकसित करने पर कार्य करेगी। साथ ही, यूके ने भारत की सौर ऊर्जा पहल (पीएम – सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना) की सराहना की और इस मॉडल से सीखने में रुचि दिखाई।

ऊर्जा बाजार सुधार और नीति निर्माण
ऊर्जा संक्रमण और ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में बिजली बाजार विनियमन (पावर मार्केट रेगुलेशन) की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में, यूके पार्टनरिंग फॉर एक्सीलरेटिंग क्लाइमेट चेंज (UKPACT) के तहत ऊर्जा क्षेत्र सुधार कार्यक्रम को जारी रखने की घोषणा की गई।

इसके अलावा, यूके के गैस और बिजली बाजार आयोग (Ofgem) और भारत के केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) के बीच एक नए टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव रखा गया। यह टास्कफोर्स नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण और भारत के ग्रिड सिस्टम के आधुनिकीकरण पर कार्य करेगी।

महत्वपूर्ण दस्तावेजों का विमोचन
संवाद के समापन पर औद्योगिक ऊर्जा दक्षता और डीकार्बनाइजेशन पर 'सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन' और भारतीय एल्युमिनियम क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता व डीकार्बनाइजेशन के मार्ग पर दो महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए गए।

भविष्य की दिशा
दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत-यूके ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने, ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने स्वीकार किया कि यह ऊर्जा संवाद दोनों देशों के सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अंत में, उन्होंने 2026 में होने वाले पांचवें भारत-यूके ऊर्जा संवाद की तैयारी के लिए उत्सुकता जताई और इस द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए अपने संकल्प को दोहराया।

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