कतर में फंसे भारतीयों को लेकर भारत सरकार ने नई जानकारी साझा की है। भारत सरकार के सचिव (CPV एवं OIA) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि इस वक्त कतर की जेलों में लगभग 600 भारतीय कैद हैं।
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की भारत की सरकारी यात्रा के बार विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता में अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि कतर की सरकार समय-समय पर भारतीयों को माफी देकर रिहा करती रहती है। साल 2024 में करीब 85 भारतीयों को इस तरह माफी दी गई थी।
कतर के अमीर और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात के बाद दोनों देशों ने कई अहम समझौते किए हैं। इनमें राजनीति, व्यापार, निवेश, सुरक्षा, ऊर्जा, संस्कृति, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्थिरता एवं आपसी संबंधों को लेकर समझौते शामिल हैं।
इसके अलावा अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 28 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी जताई गई है। दोनों देशों ने आपसी संबंधों को रणनीतिक स्तर तक ले जाने पर भी सहमति जताई है।
सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता मुजरिमों के ट्रांसफर को लेकर भी एक समझौता किया गया है। इसके तहत सजा प्राप्त कैदियों को उनके देश वापस भेजा जा सकता है। हालांकि इस समझौता को अभी तक कतर की तरफ से मंजूरी का इंतजार है।
चटर्जी ने कहा कि कतर में भारतीय प्रवासी समुदाय वहां का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे कुछ लोग वहां जेल में हैं। इस समय इनकी संख्या लगभग 600 है। उन्होंने आगे कहा कि कतर सरकार ने छोटे या मामूली आरोपों वाले कैदियों को माफ करने की परंपरा बनाई है जिससे तहत पिछले साल 85 भारतीयों को रिहाई मिली थी।
भारत सरकार ने कतर के साथ इस मुद्दे पर बातचीत जारी रखी है। चटर्जी ने कहा कि भारत सरकार की कोशिश है कि जिन भारतीयों पर छोटे-मोटे आरोप हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए। इसके लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते को जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।
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