सिलिकॉन वैली के प्रमुख डेमोक्रेट नेता और इमिग्रेशन रिफॉर्म के पैरोकार अजय भुटोरिया ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गोल्ड ग्रीन कार्ड योजना की कड़ी आलोचना की है। इस कार्ड के जरिए 5 मिलियन डॉलर (करीब 40 करोड़ रुपये) में ग्रीन कार्ड सुविधा देने का प्रस्ताव है।
अजय भुटोरिया ने गोल्ड कार्ड को "पे-टू-प्ले स्कीम" करार दिया जो दशकों से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे कुशल पेशेवरों को नजरअंदाज करता है। भुटोरिया ने कहा कि आप 5 मिलियन डॉलर देकर ग्रीन कार्ड और नागरिकता खरीद सकते हैं, जबकि लाखों कुशल इंजीनियर, डॉक्टर, टेक एक्सपर्ट्स पिछले 50 से अधिक साल के बैकलॉग में फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर भारत जैसे देशों से हैं। ये स्कीम उन लोगों के लिए एक तमाचे की तरह है।
ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गोल्ड कार्ड प्रोग्राम के बारे में बताया गया है कि यह EB-5 इमिग्रेंट इन्वेस्टर प्रोग्राम की जगह लेगा। EB-5 प्रोग्राम के तहत विदेशी निवेशकों को परमानेंट रेजिडेंसी के लिए कम से कम 10 पूर्णकालिक नौकरियां पैदा करनी होती थीं। नए प्रस्ताव में इस शर्त को खत्म कर दिया गया है और निवेश की सीमा को बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर कर दिया गया है।
अजय भुटोरिया लंबे समय से मांग करते रहे हैं कि अप्रयुक्त ग्रीन कार्ड को इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए और H-1B वीजा धारकों पर प्रतिबंधों को कम किया जाए। उन्होंने ट्रंप की इस नई नीति को अमीरों की नीति करार दिया है, जो अमेरिकी समाज में योगदान के बजाय धन को प्राथमिकता देती है।
भुटोरिया ने कहा कि हम अमीरों के लिए रेड कार्पेट बिछा रहे हैं। इनके लिए अब कोई बैकलॉग नहीं होगा, बस इन्हें एक मोटा चेक देना होगा। वहीं, ट्रंप ने इस स्कीम का बचाव करते हुए इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले हाई नेट वर्थ वाले लोगों को आकर्षित करने का तरीका बताया है।
अजय भुटोरिया इस स्कीम को कुशल आप्रवासियों के साथ विश्वासघात मानते हैं जो वर्षों से काम कर रहे हैं, टैक्स दे रहे हैं और परमानेंट रेजिडेंसी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि EB-5 प्रोग्राम को इस 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' से बदलना एक कदम पीछे खींचने जैसा है।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसे समाधान चाहिए जो बैकलॉग को खत्म करें, परिवारों का सपोर्ट करें और अर्थव्यवस्था को समावेशी तरीके से मजबूत बनाएं, न कि नागरिकता को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच दें।
अजय भुटोरिया ने यह भी कहा कि यह योजना अमेरिका के उन मूल्यों के खिलाफ है, जो योगदान और मेहनत को महत्व देते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार को कुशल आप्रवासियों के लिए बैकलॉग को खत्म करने और उनके परिवारों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।
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