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विज्ञान, संस्कृति और शिक्षा: भारत ने जीता US वैज्ञानिकों का दिल, तरक्की पर हैरानी जताई

अमेरिका के नामचीन भौतिक विज्ञानी डॉ. ब्रायन ग्रीन और नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैस्सिमिनो भारत के दौरे पर हैं। ताजमहल की खूबसूरती से लेकर भारतीय विद्यार्थियों के वैज्ञानिक जुनून तक, उन्होंने भारत की विरासत और तरक्की की खूब तारीफ की है।

अमेरिका के जाने-माने भौतिक वैज्ञानिक डॉ. ब्रायन ग्रीन और नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैस्सिमिनो। / X/ @PIBCulture

अमेरिका के मशहूर साइंटिस्ट डॉ. ब्रायन ग्रीन और NASA के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैस्सिमिनो इन दिनों भारत में घूम रहे हैं। वो भारत की साइंस, एजुकेशन और कल्चर की खूबियां देख रहे हैं। डॉ. ग्रीन ने कहा, 'मुझे भारत में जो साइंस और इनोवेशन का जुनून दिखा, वो कमाल का है। यहां के बच्चों में जो ऊर्जा और जिज्ञासा है, वो वाकई दिल को छू लेती है।'

उन्होंने भारत के पढ़ाई और रिसर्च के अलग तरीके की तारीफ की। खास तौर पर उन्होंने भारतीय बच्चों के दुनिया में नाम कमाने के जज्बे और जोश को को शानदार बताया। एक मार्च को ताजमहल घूमने गए तो दोनों ने भारत की साइंस, इंजीनियरिंग और कलाकारी की तरक्की पर हैरानी जताई। वे काफी इम्प्रेस हुए।

भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने X (पहले Twitter) पर लिखा, 'डॉ. ग्रीन ने भारत के साइंस और एजुकेशन के अनोखे तरीके की तारीफ की। उन्होंने बच्चों के जोश की बात की। उन्होंने कहा, 'ये दुनिया में कहीं नहीं दिखता।' उन्होंने जोर देकर बताया कि भारतीय बच्चे दुनिया में नाम कमाने के लिए कितने जुनूनी हैं।'

अंतरिक्ष से भारत को देखने वाले मैस्सिमिनो जमीन से भारत की खूबसूरती देखकर दंग रह गए। उन्होंने कहा, 'जमीन से भारत और भी खूबसूरत है।' उन्होंने ताजमहल की शानदार कलाकारी की मिसाल देते हुए भारत की पुरानी इंजीनियरिंग और डिजाइनिंग की तारीफ की।'

डॉ. ग्रीन एक मशहूर थ्योरेटिकल फिजिसिस्ट, लेखक और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मैथ्स और फिजिक्स के प्रोफेसर हैं। वो सुपरस्ट्रिंग थ्योरी में अपने काम के लिए जाने जाते हैं, जिसमें मिरर सिमेट्री की खोज और स्पेशियल टॉपोलॉजी में बदलाव की खोज भी शामिल है।

माइक मैस्सिमिनो NASA के दो स्पेस मिशन के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। वह अभी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं।

27 फरवरी को मैस्सिमिनो ने नई दिल्ली के PM श्री केंद्रीय विद्यालय का दौरा किया। उन्होंने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की तारीफ की और कहा कि ये भारत और पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। वहां उन्होंने बच्चों से बात की और स्कूल की AR-VR लैब, अटल टिंकरिंग लैब और लैंग्वेज लैब जैसी अच्छी सुविधाओं को देखा।

वो पहले अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने अंतरिक्ष से ट्वीट किया था। उन्होंने 2002 और 2009 में हबल स्पेस टेलीस्कोप की सर्विसिंग में अहम भूमिका निभाई थी। अपने काम के लिए उन्हें कई NASA स्पेस फ्लाइट मेडल्स, NASA डिस्टिंग्विश्ड सर्विस मेडल और अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी का फ्लाइट अचीवमेंट अवार्ड मिल चुका है। वो न्यूयॉर्क शहर के इंट्रेपिड सी, एयर एंड स्पेस म्यूजियम में स्पेस प्रोग्राम्स के सीनियर एडवाइजर भी हैं। 

 

 

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