भारतीय मूल के अमीश दोशी को न्यूयॉर्क के क्वींस में सिविल कोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। वह पहले ऐसे भारतीय अमेरिकी हैं, जिन्हें इस पद पर नियुक्ति मिली है। हाल ही में उनका शपथ ग्रहण समारोह हुआ।
अमीश दोषी को कोर्ट रूम के अंदर आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इस दौरान उनके कई न्यायिक सहयोगी, समुदाय के सदस्य, दोस्त, परिजन और निर्वाचित अधिकारी मौजूद थे।
अमीश दोशी ने क्वींस डेली ईगल से कहा कि मेरे पास इस खुशी को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं कि मैं न्यूयॉर्क शहर का सिविल जज बनकर आपके सामने खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि 1982 में जब मैं पहली बार इस देश में आया था, तब मेरी उम्र महज 10 साल थी। अगर उस समय कोई कहता कि एक दिन मैं यहां क्वींस में जज बनने वाला पहले दक्षिण एशियाई बनूंगा, तब मैं उसे एक भ्रम ही कहता। लेकिन आज ये सच साबित हो गया है।
अमीश दोशी की पढ़ाई क्वींस में ही हुई है। उनका एक टैक्स लॉयर और सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट के रूप में प्रतिष्ठित कैरियर रहा है। 2024 में उन्हें डेमोक्रेटिक प्राइमरी के दौरान बेंच में सेवाएं देने के लिए नॉमिनेट किया गया था, हालंकि उनका चयन नहीं हो सका था।
पिछले साल सिविल कोर्ट में पदों की संख्या बढ़ाने का कानून बनने के बाद दोशी को एक बार फिर से जजशिप के लिए नॉमिनेट किया गया और नवंबर में उनका सफलतापूर्वक चयन भी हो गया।
इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में दोशी ने कहा कि मुझे सपोर्ट करने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद। मुझे सिविल कोर्ट के जज के रूप में क्वींस के निवासियों की सेवा करने पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि रोजाना बहुत से लोग हमारी अदालतों में आते हैं। वे अक्सर ऐसे कानूनी मसलों में उलझे होते हैं, जो उनकी जिंदगी और उनके परिवार के जीवन पर महत्वपूर्ण असल डाल सकते हैं। मैं इसे हल्के में नहीं लेता।
दोशी ने कहा कि आप लोग मुझ पर भरोसा कर सकते हैं। मेरी योग्यता पर विश्वास कर सकते हैं। मुझे एक वकील और सीपीए के रूप में 25 वर्षों का अनुभव है। मैं क्वींस के लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि सिविल कोर्ट के जज के पास 50 हजार डॉलर से कम रकम के विवादों में फैसला देने का अधिकार होता है। न्यूयॉर्क में शीर्ष एक फीसदी लोगों के लिए भले ही यह बड़ी रकम नहीं है, लेकिन आम नागरिकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। कुछ के लिए तो यह रकम सबकुछ है। ऐसे में मेरा प्रयास रहेगा कि मैं उनकी बातों को सुनूं और निष्पक्षता के साथ फैसला दूं। मेरे लिए यह एक बड़ी बात है।
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