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भारतीय मूल के प्रोफेसर वेणुगोपाल को अमेरिकी यूनिवर्सिटी का प्रतिष्ठित सम्मान

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के रहने वाले प्रोफेसर डॉ. वेणुगोपाल 'वेणु' मुक्कू को अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय में उनके असाधारण शिक्षण और छात्रों के विकास में योगदान के लिए प्रतिष्ठित होरेस टी. मोर्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

प्रोफेसर डॉ. वेणुगोपाल 'वेणु' मुक्कू / University of Minnesota Crookston

मिनेसोटा यूनिवर्सिटी क्रूकस्टन ( University of Minnesota Crookston) के भारतीय मूल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेणुगोपाल 'वेणु' मुक्कू (पीएचडी) को 2024-2025 के लिए होरेस टी. मोर्स – मिनेसोटा विश्वविद्यालय एलुमनी एसोसिएशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के अंडरग्रेजुएट शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से ताल्लुक रखने वाले मुक्कू को यह अवॉर्ड छात्रों की सफलता, इनोवेटिव टीचिंग और रिसर्च में लंबे समय तक किए गए काम के लिए दिया गया है। इनाम के तौर पर उन्हें नकद पुरस्कार मिलेगा और यूनिवर्सिटी की अकादमी ऑफ डिस्टिंग्विश्ड टीचर्स में जगह मिली है। इसके साथ ही, उन्हें डिस्टिंग्विश्ड यूनिवर्सिटी टीचिंग प्रोफेसर का खिताब भी दिया गया।

गणित, विज्ञान और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के फैकल्टी मेंबर मुक्कू यूनिवर्सिटी की रिसर्च लैब भी चलाते हैं और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पढ़ाते हैं। उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर ब्रायन डिंगमैन ने नॉमिनेट किया था। 7 अप्रैल को मिनियापोलिस के मैकनमारा अलुमनी सेंटर में उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया।

मुक्कू ने कहा, 'यह अवॉर्ड सिर्फ मेरी मेहनत का नतीजा नहीं, बल्कि उन छात्रों, साथियों और गुरुओं की देन है, जिन्होंने मेरे सफर को आगे बढ़ाया। मेरे पुराने और नए छात्रों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरे साथ घंटों रिसर्च और चर्चाएं कीं। उनकी तरक्की देखना मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।' उन्होंने अपने साथी प्रोफेसर्स को भी शुक्रिया कहा और कहा, 'आपके सपोर्ट ने मेरे टीचिंग और रिसर्च को नए मुकाम दिए।'

भारत में पढ़ाई, अमेरिका में पहचान

मुक्कू ने 1988 में श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग (प्रशांति निलयम) से बीएससी और 1990 में एमएससी किया। 1995 में आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम से पीएचडी पूरी की। मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में वह रिसर्च को पढ़ाई के साथ जोड़ने, इंटरनेशनल लर्निंग प्रोग्राम बढ़ाने और सेंटर फॉर कॉलैबोरेटिव रिसर्च की अगुवाई करने के लिए जाने जाते हैं। यह सेंटर नए इंटरडिसिप्लिनरी कोर्सेज बनाने में मदद करता है।

प्रोफेसर ब्रायन डिंगमैन ने कहा, 'डॉ. मुक्कू का छात्रों की सफलता के प्रति समर्पण, इनोवेटिव टीचिंग और मेंटरशिप अद्वितीय है। उन्होंने छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग और रिसर्च की भावना जगाई है।' होरेस टी. मोर्स अवॉर्ड 1965 से उन टीचर्स को दिया जा रहा है, जो अंडरग्रेजुएट शिक्षा में खास योगदान देते हैं। मुक्कू से पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा क्रूकस्टन से दानी जोहान्सेन (2023), हरौना मैगा (2022) और रेचल मैककोपिन (2013) जैसे प्रोफेसर्स यह अवॉर्ड जीत चुके हैं। 

 

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