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अन्नपूर्णा पुरस्कार : देश की सांस्कृतिक विरासत का आईना हैं यह भारतीय मिशेलिन

यह पुरस्कार पिछले साल दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ भारतीय रेस्तरां को मान्यता देने के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा स्थापित किया गया था। वर्ष 2024 में ICCR को दुनिया भर में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले 16 रेस्तरां से नामांकन प्राप्त हुए हैं।

अन्नपूर्णा सम्मान। / X@eoiberlin

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) द्वारा वर्ष 2023 में शुरू किया गया अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र विदेशों में उन भारतीय रेस्तरां का जश्न मनाता है जो प्रामाणिक भारतीय स्वाद की पेशकश करते हैं। 

यह पुरस्कार भारतीय मान्यताओं में भोजन की देवी अन्नपूर्णा के नाम पर दिया जाता है। पुरस्कार का उद्देश्य उन प्रतिष्ठानों को सम्मानित करना है जो न केवल वास्तविक भारतीय व्यंजन परोसते हैं बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देते हैं।

अपने उद्घाटन वर्ष में दुनिया भर में छह रेस्तरां को अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। विजेता थे एम्बर इंडिया (अमेरिका), बालाजी दोसाई (श्रीलंका), इंडियन स्ट्रीट फूड एंड कंपनी (स्वीडन), मुमताज महल रेस्तरां (ओमान), नमस्ते इंडिया (मंगोलिया) और नान एंड करीज़ (कोस्टा रिका)।
 



यह पहल भारतीय भोजन की आम रूढ़ियों को चुनौती देती है जो अक्सर मसालेदार करी और शाकाहारी व्यंजनों तक सिमट कर रह जाती है। इसके बजाय यह पुरस्कार भारतीय पाक पद्धतियों की विशाल विविधता और प्रामाणिकता को उजागर करता है। यही नहीं यह स्वाद, तकनीक और क्षेत्रीय विशिष्टताओं की पूरी श्रृंखला को प्रदर्शित करता है जो भारतीय स्वाद को अद्वितीय बनाती है।

वर्ष 2024 में ICCR को दुनिया भर में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले 16 रेस्तरां से नामांकन प्राप्त हुए हैं। इस पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय भोजन की वैश्विक धारणा को बढ़ाना, इन रेस्तरां को सांस्कृतिक राजदूत के रूप में स्थापित करना और दुनिया भर में देश की पाक कला के लिए गहरी सराहना को बढ़ावा देना है।

हालांकि मिशेलिन बढ़िया भोजन के लिए एक व्यापक वैश्विक मानक बना हुआ है किंतु अन्नपूर्णा पुरस्कार विशेष रूप से विदेशों में भारतीय व्यंजनों का सम्मान करता है जो रेस्तरां को पाक कूटनीति को बढ़ावा देने में उनकी प्रामाणिकता और भूमिका के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

यह पुरस्कार रेस्तरां को सांस्कृतिक राजदूत के रूप में स्थान देता है, भारतीय पाक परंपराओं के लिए गहरी वैश्विक सराहना को बढ़ावा देता है; रूढ़िवादिता को चुनौती देता है और प्रामाणिक भारतीय भोजन को बढ़ावा देता है, जिससे इसकी वैश्विक धारणा बढ़ती है। 

यही नहीं पुरस्कार जीतने से अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलती है, भारत और दुनिया के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत होते हैं और अधिक ग्राहकों को आकर्षित करके तथा रेस्तरां की प्रतिष्ठा को बढ़ाकर विकास के अवसर खुलते हैं। 

पुरस्कार के लिए चयन मानदंड
अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र एक विजेता को प्रदान किया जाएगा। एक से अधिक विजेता होने पर अलग प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। प्रत्येक विजेता को एक पट्टिका भी मिलेगी। यह प्रतियोगिता विदेशों में उन भारतीय रेस्तरांओं के लिए खुली है जिन्होंने प्रामाणिक भारतीय व्यंजनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

रेस्तरां को कम से कम पांच साल से संचालित स्थिति में होना चाहिए और खाद्य सुरक्षा तथा स्थानीय नियमों का पालन करना चाहिए। प्रतियोगिता सभी भारतीय रेस्तरां के लिए खुली है। मालिक की राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना, लेकिन एसोसिएशन या संगठन पात्र नहीं हैं।

योग्य रेस्तरां को अपना आवेदन भारतीय मिशन/पोस्ट को जमा कराना होगा जो सर्वोत्तम आवेदनों को ICCR को भेजेगा। इसके बाद ICCR द्वारा नियुक्त जूरी अंतिम चयन करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो एक जांच समिति आवेदनों की समीक्षा कर सकती है। प्रमाण-पत्र प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।
 



वर्ष 2023 के लिए अन्नपूर्णा प्रमाण पत्र 12 दिसंबर, 2023 को कमल महल, आईटीसी मौर्या, नई दिल्ली में दिये गये थे। समारोह में मुख्य अतिथि विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और विशिष्ट अतिथि लोकसभा सांसद हेमा मालिनी उपस्थित थीं।

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