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पुरुषवादी अर्थजगत में अलग पहचान बनाने वाली अनुश्री जैन ने महिलाओं को दिए सफलता के मंत्र

अनुश्री ने कहा कि समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों ने मुझे सहयोग, करुणा और अनुकूलता जैसे गुण प्रदान किए, जो कि आजकल की विविधता भरी दुनिया में आगे बढ़ने के लिए जरूरी हैं।

अनुश्री जैन ने न्यू इंडिया अब्रॉड से विशेष बातचीत में अपनी यात्रा, चुनौतियों और अनुभव पर विस्तृत चर्चा की। / Courtesy Photo/Anushree Jain

फाइनेंस सेक्टर को आमतौर पर पुरुषों का क्षेत्र माना जाता है, लेकिन भारतीय मूल की अमेरिकी अनुश्री जैन ने अपनी मेहनत और लगन से इस पुरुष वर्चस्ववादी क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। ब्रोकरेज, इन्वेस्टमेंट और फिनटेक जैसे सेक्टरों में उन्होंने अलग मुकाम हासिल किया है। 

न्यू इंडिया अब्रॉड से विशेष बातचीत में अनुश्री जैन ने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं रहा। ब्रोकरेज जैसे सेक्टर में, एक महिला होने के नाते उन्हें कई तरह के अनुभवों से गुजरना पड़ा। मुझे जल्दी ही समझ आ गया था कि अपनी जगह बनाने के लिए मुझे दोगुनी मेहनत करनी होगी। 

उन्होंने कहा कि कई मौकों पर मेरी राय के तवज्जो नहीं दी जाती थी, मुझे अनदेखा किया जाता था। कई और भी तरह की चुनौतियां थीं। लेकिन मैं हताश नहीं हुई। मैंने इनमें भी अपने लिए अवसर देखे और अपनी क्षमताओं को साबित किया। 

जैन ने कहा कि मैं लगातार सीखती रही, सुधार करती रही, हालत के अनुरूप खुद को ढाला और रिजल्ट दिए। इसी की बदौलत मैं उस मुकाम तक पहुंच पाई, जहां मेरी राय को भी अब अहमियत मिलती है। 

अनुश्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में इंडस्ट्री में भी काफी बदलाव आए हैं। विविधता की समझ बढ़ी है। लेकिन अब भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। समावेशिता बढ़ाने और महिलाओं की मेंटरशिप में योगदान बढ़ाना जरूरी है। 

उन्होंने कहा कि मेंटरशिप अब मेरी प्रोफेशनल पहचान का एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है। इसका श्रेय मैं उन लोगों को देती हूं, जिन्होंने मेरी शुरुआत के समय मेरा मार्गदर्शन किया था। उन्होंने फैसले लेने, चुनौतियों का सामना करना और मेरे अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी सहयोग किया। 

अनुश्री अपनी सफलता में अपनी भारतीय जड़ों का भी योगदान मानती हैं। उनका कहना था कि समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों ने मुझे सहयोग, करुणा और अनुकूलता जैसे गुण प्रदान किए, जो कि आजकल के विविध वर्कप्लेस में आगे बढ़ने के लिए जरूरी हैं। मैं जहां भी काम करती हूं, टीम मेंबर्स को भी इन गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती हूं। कॉरपोरेट जगत में विविधता सिर्फ एक शब्द नहीं है, यह सार्थक तरक्की प्राप्त करने का मूल है। 

लीडरशिप भूमिका के लिए उत्सुक यंग प्रोफेशनल्स को सलाह देते हुए अनुश्री कहती हैं कि सबसे पहली बात ये कि आपको अपने विशेष नजरिए की पहचान करनी होगी। आपकी बैकग्राउंड, अनुभव, आइडियाज आपकी सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्हें अपनाइए। 

अनुश्री ने आगे कहा कि दूसरी अहम बात ये कि सीखने और माहौल में ढलने की प्रक्रिया को अनवरत जारी रहनी चाहिए। इंडस्ट्री लगातार बदल रही है, ऐसे में आगे रहने के लिए आपके अंदर उत्सुकता, लचीलापन और अपने कंफर्ट जोन से बाहर आने की इच्छाशक्ति बेहद अहम है। 

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