ब्रिटेन के सबसे बड़े शैक्षणिक संस्थानों में से एक बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ने अपनी 125वीं सालगिरह पर खास स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया है। ये स्कॉलरशिप भारत के छात्रों के लिए हैं जो इस यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन या पोस्ट-ग्रेजुएशन करना चाहते हैं। इस खास मौके पर यूनिवर्सिटी ने '125वीं एनिवर्सरी स्कॉलरशिप' शुरू की है। सितंबर 2025 से शुरू होने वाले पोस्ट-ग्रेजुएशन (मास्टर्स) कोर्स में दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों को इसमें आर्थिक मदद मिलेगी।
ये स्कॉलरशिप दी जा रही हैं
4,000 पाउंड की स्कॉलरशिप: ये ज्यादातर मास्टर्स प्रोग्राम के लिए सभी योग्य भारतीय छात्रों के लिए हैं। लेकिन MSc मैनेजमेंट, MSc इंटरनेशनल बिजनेस, MSc मार्केटिंग या MBA वाले कोर्स इसमें शामिल नहीं हैं। इसमें स्कॉलरशिप की संख्या की कोई सीमा नहीं है।
5,000 पाउंड की स्कॉलरशिप: ये स्कॉलरशिप भारत के चांसलर स्कॉलरशिप प्रोग्राम में चुने गए होनहार छात्रों के लिए हैं। ये सभी मास्टर्स प्रोग्राम, बिजनेस के कोर्स भी शामिल हैं। अच्छे नंबरों के आधार पर कुल 50 स्कॉलरशिप दी जाएंगी। इन स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख मई 2025 है। इसके बाद अप्लीकेशन नहीं लिए जाएंगे।
यूनिवर्सिटी अपनी नई चांसलर, सैंडी ओकोरो OBE के आने का जश्न भी मना रही है, और इसके लिए खास चांसलर स्कॉलरशिप भी दे रही है:
6,000 पाउंड की 15 स्कॉलरशिप: ये पोस्ट-ग्रेजुएशन (मास्टर्स) प्रोग्राम्स के लिए हैं। ये अच्छे अंक और आवेदन प्रक्रिया में दिखाई गई काबिलियत के आधार पर दी जाएंगी।
पर्पसफुल लीडर MBA प्रोग्राम: बेहतरीन उम्मीदवारों को 15,000 पाउंड तक की स्कॉलरशिप मिल सकती है।
रेस्पॉन्सिबल बिजनेस MBA आवेदक: इनके लिए 10,000 पाउंड तक की और स्कॉलरशिप मिल सकती हैं।
इन स्कॉलरशिप के लिए अभी आवेदन लिए जा रहे हैं। लेकिन आखिरी तारीख मई 2025 है।
अगर आप अंडरग्रेजुएट करना चाहते हैं, तो यूनिवर्सिटी 'इंडिया हाई फ्लायर्स अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप' दे रही है। ये 'हाई फ्लायर्स रिसर्च 2024' के तहत दी जा रही हैं, जिसमें बर्मिंघम यूनिवर्सिटी को यूके के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले कॉलेजों में से एक बताया गया है। ये स्कॉलरशिप अच्छे अंकों और स्कूल या एजेंट पार्टनर के नॉमिनेट करने पर दी जाती हैं। इसके लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख भी मई 2025 है।
ये स्कॉलरशिप का ऐलान सैंडी ओकोरो OBE को यूनिवर्सिटी का नया चांसलर बनाए जाने के साथ हुआ है। वो 1900 में यूनिवर्सिटी बनने के बाद से आठवें चांसलर हैं। उन्होंने लॉर्ड बिलिमोरिया ऑफ चेल्सी CBE की जगह ली है। इससे पहले कई बड़े लोग चांसलर रहे हैं, जिनमें संस्थापक जोसेफ चेम्बरलेन और पूर्व प्रधानमंत्री एंथोनी एडेन, द अर्ल ऑफ एवन भी शामिल हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login