ओडिशा के भुवनेश्वर में एल.वी. प्रसाद आई इंस्टिट्यूट (LVPEI) में 15 अप्रैल को दिमाग से जुड़ी देखने की परेशानियों से जूझ रहे बच्चों की मदद के लिए एक नया रिसोर्स सेंटर खोला गया है। ये पहल, अमेरिका के मैसाचुसेट्स में मौजूद गैर-लाभकारी संस्था, विजन-एड (Vision-Aid) और भारत के एक बड़े आई केयर इंस्टीट्यूट LVPEI के बीच साझेदारी का नतीजा है।
Vision-Aid कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट (CVI) रिसोर्स सेंटर का नाम मनोरामा चौधरी नयन ज्योति विजन-एड CVI रिसोर्स सेंटर रखा गया है। यह CVI से पीड़ित बच्चों के लिए बनाया गया है। CVI एक ऐसी परेशानी है जो दिमाग में चोट या खराबी की वजह से होती है। जिससे देखने में दिक्कत आती है। सेंटर में बच्चों की जल्दी पहचान, इलाज और उनके परिवार को सपोर्ट देने पर ध्यान दिया जाएगा।
सेंटर का उद्घाटन बोस्टन की मशहूर कवयित्री और समाज सेविका मनोरामा चौधरी ने किया, जिनकी मदद से ये प्रोजेक्ट शुरू हो पाया। इस मौके पर चौधरी ने आंखों की रोशनी खोने के गहरे असर के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'आंखों की रोशनी जाने का असर सिर्फ एक इंसान पर नहीं पड़ता, बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। जल्दी इलाज, जरूरी डिवाइस और खास ट्रेनिंग देकर बच्चों को उनकी मुश्किलों से आगे देखने और एक बेहतर भविष्य बनाने में Vision-Aid मदद कर रहा है।
इस प्रोग्राम में डॉक्टर, परिवार और आंखों से परेशान लोगों की मदद करने वाले शामिल हुए। कई लोगों के लिए ये कार्यक्रम महज एक शुरुआत से कहीं बढ़कर था। CVI से जूझ रहे एक बच्चे के माता-पिता ने अपनी कहानी सुनाई। इसमें उन्होंने इस बीमारी से जूझने के भावनात्मक और आर्थिक बोझ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये सेंटर उनके जैसे परिवारों को 'बड़ी राहत' देगा।
Vision-Aid के वॉलंटियर प्रेसिडेंट ललित सूदान ने नए सेंटर को पूर्वी भारत में आंखों से परेशान बच्चों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने कहा, 'इस शुरुआत के साथ हम जरूरतमंद लोगों को जरूरी आई केयर और इलाज की सुविधाएं देने के अपने मिशन को जारी रखते हैं। हम आने वाले समय में अपनी पहुंच को और भी बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं।'
LVPEI भुवनेश्वर के डायरेक्टर डॉ. श्रीकांत कुमार साहू ने इंस्टीट्यूट के हमेशा से ही अच्छी आई केयर देने के वादे को बताते हुए प्रोग्राम की शुरुआत की। डॉक्टर देबस्मिता मांझी और डॉक्टर ब्युला क्रिस्टी ने सेंटर के शुरुआती इलाज पर जोर दिया। बताया कि सही समय पर, सही तरीके से इलाज बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
इस प्रोग्राम में Vision-Aid के संस्थापकों रेवती रामकृष्ण और रामकृष्ण राजू ने भी अपने विचार रखे। ये दोनों Vision-Aid के उन कामों में गहराई से जुड़े रहे हैं जो आंखों से परेशान लोगों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने पर बल देते हैं। ओडिशा के पहले आंखों से परेशान सिविल सेवा अधिकारी, सन्यासी बेहरा भी वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ये सेंटर एक बेहतर भविष्य बनाने में मदद करेगा।
भुवनेश्वर में खुला ये सेंटर भारत में Vision-Aid की बढ़ती साझेदारी की लिस्ट में शामिल हो गया है। इसमें अरविंद आई हॉस्पिटल, शंकर नेत्रालय, नारायण नेत्रालय और डॉ. श्रॉफ्स चैरिटी आई हॉस्पिटल जैसे बड़े संस्थानों के साथ सहयोग शामिल हैं। Vision-Aid फिलहाल 50 जगहों पर 25,000 से अधिक आंखों से परेशान लोगों की मदद करता है, जिनमें 20 आई हॉस्पिटल भी शामिल हैं।
सूदान ने कहा, 'ये तो बस शुरुआत है। अपने समर्पित साथियों और समुदाय के सपोर्ट से हम और अधिक सेंटर खोलने और CVI से जूझ रहे बच्चों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।'
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