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दिव्यांगों-महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार श्वेता रावत अब Americares बोर्ड में

अमेरिका की नामी हेल्थकेयर संस्था Americares ने अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में श्वेता रावत को शामिल किया है। दिव्यांग अधिकारों और महिला सशक्तिकरण की पैरोकार श्वेता अपने अनुभव और नेतृत्व कौशल से Americares के काम को नई ऊंचाइयां देने में अहम भूमिका निभाएंगी।

श्वेता रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (RIST) की मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं।  / Americares

अमेरिका में सेहत के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था Americares ने अपनी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में श्वेता रावत को शामिल किया है। श्वेता दिव्यांगों के अधिकारों, महिलाओं के नेतृत्व और आर्थिक सशक्तिकरण की जबरदस्त समर्थक हैं। पिछले दस साल से ज्यादा समय से Americares का साथ दे रही हैं। 

 Americares की प्रेसिडेंट और सीईओ क्रिस्टीन स्क्वायर्स ने एक बयान में कहा, 'सेहत, बराबरी और अवसरों को आगे बढ़ाने में श्वेता की लीडरशिप और उनका समर्पण उन्हें  Americares बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए एक बेहतरीन सदस्य बनाता है। हम दुनिया भर के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में, बड़े स्तर पर समाज पर असर डालने वाले प्रोग्राम बनाने और अहम साझेदारियां करने का उनका लंबा अनुभव हमारे लिए बेहद कीमती साबित होगा। '

इस मौके पर श्वेता रावत ने कहा, 'मैं दस साल से अधिक समय से देख रही हूं कि यह संस्था इमरजेंसी और आपदा के समय कैसे सबसे पहले पहुंचकर प्रभावित लोगों को मेडिकल मदद और राहत पहुंचाती है। साथ ही, यह दुनिया भर में ऐसे प्रोग्राम भी चलाती है जिनका समाज पर लंबे समय तक अच्छा असर रहता है।' रावत ने यह भी कहा कि वह अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल Americares की लगातार तरक्की और कामयाबी के लिए करेंगी। 

श्वेता रावत ने वाशिंगटन डी.सी. की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन्स में बैचलर डिग्री और यू.के. की सिटी यूनिवर्सिटी से ह्यूमन राइट्स और पॉलिटिक्स में मास्टर्स डिग्री की है। श्वेता, म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी के यू.एस. एडवाइजरी बोर्ड में भी हैं। इसके अलावा banyan Academy ऑफ लीडरशिप इन मेंटल हेल्थ की बोर्ड मेंबर भी हैं।

श्वेता रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (RIST) की मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। जिसकी स्थापना उन्होंने 2009 में की थी। RIST गरीबी कम करने और भारत के समुदायों की भलाई के लिए काम करता है। ये काम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप रणनीतिक और मूल्य-आधारित साझेदारियों के जरिए किया जाता है। 

संस्था की तरफ से बताया गया है कि Americares और RIST पिछले दस साल से अधिक समय से मुंबई के इलाकों में हेल्थकेयर सर्विसेज बेहतर बनाने के लिए साथ काम कर रहे हैं। इस साझेदारी से Americares इंडिया का मोबाइल हेल्थ सेंटर प्रोग्राम बना और फैला। ये प्रोग्राम पहले एक गाड़ी से शुरू हुआ था और अब ये एक बड़ा प्राइमरी केयर प्रोग्राम बन गया है जो हर साल हजारों लोगों को देखभाल मुहैया कराता है। 

संस्था के मुताबिक, 1979 में स्थापना के बाद से Americares ने 164 देशों (अमेरिका समेत) को 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की मदद दी है। Forbes की टॉप 100 चैरिटिज की लिस्ट में Americares आठवें नंबर पर है। Charity Navigator (अमेरिका की सबसे बड़ी स्वतंत्र चैरिटी इवैल्यूएटर) ने इसे चार स्टार रेटिंग दी है, जो सबसे ऊंची रेटिंग है।

यह संस्था समुदायों को आपदाओं से निपटने, उनका मुकाबला करने और उबरने में मदद करती है। दवाओं और मेडिकल सामानों की उपलब्धता, सामर्थ्य और स्वीकार्यता को बेहतर बनाती है। क्लिनिकल सर्विसेज को बेहतर करती है। बीमारियों को रोकने और अच्छी सेहत को बढ़ावा देने में मदद करती है।

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