कैलिफोर्निया की असेंबली मेंबर डॉ. दर्शना पटेल ने 24 मार्च को असेंबली बिल 402 पेश किया है। ये बिल हायर एजुकेशन वाले स्टूडेंट्स के लिए आर्थिक मदद को फिर से बहाल करने और उसे और बढ़ाने के लिए है। डॉ. पटेल ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'जैसे-जैसे पढ़ाई का खर्चा बढ़ रहा है, हमें ये पक्का करना होगा कि स्टूडेंट्स को वो सपोर्ट मिले जो उन्हें चाहिए। AB 402 कैल ग्रांट की रकम को फिर से 9,708 डॉलर कर देगा और ट्रांसफर स्टूडेंट्स के लिए भी इसे लागू करेगा। इससे हायर एजुकेशन सबके लिए आसान हो जाएगा।'
ये बिल प्राइवेट नॉन-प्रॉफिट कॉलेजों में कैल (Cal) ग्रांट की रकम बढ़ाने के लिए है। कैल ग्रांट A और B पाने वालों को 9,708 डॉलर मिलेंगे। ये वो रकम है जो 2001 में मिलती थी। साथ ही, इस बिल से कम्युनिटी कॉलेज से प्राइवेट नॉन-प्रॉफिट संस्थानों में जाने वाले स्टूडेंट्स को भी कैल ग्रांट मिल सकेगा। इससे आर्थिक मदद में जो पहले से असमानता थी, वो कम होगी।
कैलिफोर्निया स्टूडेंट ऐड कमीशन द्वारा चलाया जाने वाला कैल ग्रांट प्रोग्राम, कम आय वाले परिवारों के बच्चों को कॉलेज की पढ़ाई में मदद करने के लिए बहुत जरूरी है। डॉ. पटेल ने बताया कि प्राइवेट नॉन-प्रॉफिट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाली कैल ग्रांट की रकम कम होती जा रही है। 2001 के बाद से, UC और CSU सिस्टम में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाली ग्रांट में 274% और 224% की बढ़ोतरी हुई है।लेकिन प्राइवेट नॉन-प्रॉफिट संस्थानों में पढ़ने वालों को मिलने वाली ग्रांट में 4% की कमी आई है, जबकि महंगाई और फीस दोनों ही बढ़ी हैं।
असेंबली हायर एजुकेशन कमिटी के सामने बोलते हुए डॉ. पटेल ने कहा कि अलग-अलग तरह की पढ़ाई के मौके देने में प्राइवेट कॉलेजों का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा, 'सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए बहुत सारे बच्चे अप्लाई कर रहे हैं, लेकिन रहने और क्लासेज के लिए जगह कम है। ऐसे में प्राइवेट कॉलेज बहुत अच्छा विकल्प हैं।'
अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि कैल ग्रांट की मदद से वो ऑक्सिडेंटल कॉलेज जा पाई थीं। डॉ. पटेल ने कहा, 'बिना कैल ग्रांट के मैं OXIE (अपने कॉलेज का निकनेम) नहीं जा पाती। मुझे वहां जो सपोर्ट मिला उसने मेरी पढ़ाई में बहुत बड़ा रोल अदा किया।'
AB 402 को हायर एजुकेशन को और किफायती बनाने, स्टूडेंट्स को ज्यादा आजादी देने और जरूरतमंदों तक आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए बहुत जरूरी कदम बताया जा रहा है। अगर ये बिल पास हो जाता है, तो प्राइवेट कॉलेजों में पर्सनलाइज्ड लर्निंग चाहने वाले और ट्रांसफर स्टूडेंट्स के लिए आर्थिक बोझ कम होगा।
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