भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को खत्म करने के ट्रम्प प्रशासन के प्रयासों की कड़ी आलोचना की है। सांसदों ने प्रशासन के इस कदम को गैर कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
1961 में स्थापित USAID विश्व स्तर पर अमेरिकी प्रभाव का एक प्रमुख साधन रहा है। हालांकि, संघीय सरकार के पुनर्गठन के लिए ट्रम्प प्रशासन के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में एजेंसी हाल ही में लपेटे में आ गई है। ट्रम्प प्रशासन कथित तौर पर एजेंसी की दक्षता बढ़ाने और इसका खर्च सरकारी एजेंडे के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए एजेंसी का विदेश विभाग के साथ विलय करने पर विचार कर रहा है।
पूर्वी एशिया और प्रशांत उपसमिति के रैंकिंग सदस्य प्रतिनिधि अमी बेरा ने सहायता रोकने, कार्यक्रमों को रोकने और एजेंसी को बंद करने के प्रयास के प्रशासन के फैसले की निंदा की है।
बेरा ने कहा कि USAID पर ट्रम्प प्रशासन के लगातार हमले, इसके कर्मचारियों को खत्म करना, बिना समीक्षा के कार्यक्रमों को रोकना, जीवनरक्षक सहायता पर रोक लगाना और अब एजेंसी को बंद करने का प्रयास करना खतरनाक और अदूरदर्शी हैं। इन कार्रवाइयों से अमेरिकी सुरक्षा, वैश्विक स्थिरता और चीन, रूस तथा ईरान सहित विरोधियों से प्रतिस्पर्धा करने की हमारी क्षमता को खतरा है।
बेरा ने इस बात पर जोर दिया कि USAID कानूनी रूप से एक स्वतंत्र एजेंसी है और कांग्रेस की मंजूरी के बिना इसकी संरचना में बदलाव का कोई भी प्रयास अवैध है। उन्होंने वैश्विक विकास में USAID की भूमिका की रक्षा के लिए द्विदलीय कार्रवाई का आग्रह किया।
कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने इसी तरह की चिंताओं को दोहराया और चेतावनी दी कि इस कदम से विदेशों में अमेरिकी प्रभाव को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल कांग्रेस द्वारा अधिकृत एजेंसी को बंद करने का एक अलोकतांत्रिक प्रयास है बल्कि यह विदेशों में अमेरिकी प्रभाव को भी कमजोर करेगा, मानवीय प्रयासों को छोड़ देगा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी जैसे विरोधियों को अपने रणनीतिक लाभ के लिए अंतर को भरने की अनुमति देगा।
प्रतिनिधि सुहास सुब्रमण्यम प्रशासन की कार्रवाइयों का विरोध करने की कसम खाते हुए एजेंसी मुख्यालय के बाहर सहकर्मियों और USAID कर्मचारियों के साथ शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हम खतरे में हैं और हाउस डेमोक्रेट चुपचाप खड़े होकर नहीं देखेंगे क्योंकि वे अवैध रूप से हमारी सरकार को जमीन पर गिरा रहे हैं।
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