अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा का मजाक उड़ाना जारी रखा है। उन्होंने कनाडा के लोगों को भारी भरकम टैक्स कटौती का लालच दिया है। साथ ही अमेरिका के '51वें राज्य' के तौर पर मिलिट्री प्रोटेक्शन देने की बात भी कही है। क्रिसमस के मौके पर उन्होंने सोशल मीडिया पर सबको बधाई दी। साथ ही 'कनाडा को 51वां राज्य' और उसके 'गवर्नर जस्टिन ट्रूडो' के बारे में अपने पहले के मजाक को भी दोहराया। उन्होंने पनामा कैनाल पर फिर से कंट्रोल पाने और ग्रीनलैंड को उसके स्ट्रेटेजिक लोकेशन की वजह से हासिल करने जैसे एक-दूसरे से जुड़े मुद्दे का भी जिक्र किया।
अमेरिका के जमीनी और पानी के रास्तों के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की बात जोड़ते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा का मजाक उड़ाने, पनामा नहर पर फिर से कब्जा करने और ग्रीनलैंड को खरीदने या हासिल करने की अपनी पहले की 'मजाकिया बातों' या 'मजाक' को गंभीरता से लेने की कोशिश की है।
उन्होंने अपने सोशल ट्रुथ पोस्ट में लिखा, 'सभी को मेरी क्रिसमस की शुभकामनाएं। खासकर चीन के उन बेहतरीन सैनिकों को, जो प्यार से, लेकिन गैर-कानूनी तरीके से, पनामा नहर (जिसके निर्माण में 110 साल पहले हमारे 38,000 लोग मारे गए थे) को चला रहे हैं। हमेशा यही होता है कि अमेरिका 'मरम्मत' के नाम पर अरबों डॉलर देता है, लेकिन उसके बाद भी किसी भी बात पर कुछ नहीं बोल पाता। इसी तरह अगर कनाडा हमारा 51वां राज्य बन जाता है, तो उनके टैक्स 60% से ज्यादा कम हो जाएंगे। उनके बिजनेस तुरंत दोगुने हो जाएंगे। दुनिया के किसी भी दूसरे देश की तरह उन्हें मिलिट्री प्रोटेक्शन मिलेगा। इसी तरह, ग्रीनलैंड के लोगों को, जिसकी अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरत है और जो चाहते हैं कि अमेरिका वहां रहे, हम वहां रहेंगे!'
ट्रम्प का यह नया संदेश चीन, पनामा और कनाडा में प्रशासन चला रहे लोगों समेत, संबंधित अधिकारियों की रूह कंपा सकता है। 29 नवंबर को मार-ए-लागो रिसॉर्ट में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके दल के साथ पहली बार मजाक उड़ाते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने पहली बार कहा था कि 'कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन सकता है' और जस्टिन ट्रूडो इसके 'गवर्नर' होंगे। उन्होंने इसे कई बार दोहराया।
इसके बाद, उन्होंने पनामा नहर पर फिर से कब्जा करने और उसके सामरिक महत्व के कारण ग्रीनलैंड को हासिल करने की बात करने लगे। पनामा के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर उनकी बातों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें अपने देश के संप्रभु मामलों में सीधा हस्तक्षेप बताया। कनाडा ने अभी तक उनके बार-बार किए गए पोस्ट पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन ने भी कथित तौर पर उनके पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और पनामा नहर से अपने निरंतर संबंध के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login