डोनाल्ड ट्रम्प के पास अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए अभी एक महीना बाकी है, लेकिन उन्होंने पहले ही भ्रम फैलाने और कनाडा को नीचा दिखाने वाली टिप्पणियों, मीडिया को डराने-धमकाने और कांग्रेस में बजट समझौते को विफल करने के जरिए सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है। ट्रम्प पर टिप्पणी को लेकर एबीसी चैनल नव निर्वाचित राष्ट्रपति को 15 मिलियन डॉलर चुकाएगा। ट्रम्प ने टैरिफ बढ़ाने को लेकर चीन, भारत और कनाडा को चेतावनी दी है। ट्रम्प के तेवर अमेरिका के लिए आने वाले दिनों में अच्छे संकेत हैं या नहीं? विश्लेषण में समझते हैं...
इस मामले में जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर टॉड बेल्ट का कहना है, "हम ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में उनके पहले कार्यकाल से ज़्यादा अराजकता देख सकते हैं। मुझे लगता है कि इस हफ़्ते जो कुछ हुआ है, वह आने वाले समय में अमेरिका के लिए एक अच्छा संकेत है।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रपतियों को आधिकारिक कार्यों के लिए व्यापक प्रतिरक्षा प्रदान करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला ट्रम्प को "अपने सबसे बुरे आवेगों पर काम करने का अधिक अवसर देगा।"
रिपब्लिकन ट्रम्प निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन से ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं, बाइडेन अपने कार्यकाल के अंतिम सप्ताहों में सार्वजनिक रूप से गायब रहे हैं। ट्रम्प ने 5 नवम्बर के चुनाव जीतने के बाद अपना पहला संवाददाता सम्मेलन 16 दिसंबर को किया, जिसमें उन्होंने पत्रकारों से विभिन्न विषयों पर एक घंटे से अधिक समय तक बात की - और उनका भरपूर ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने (ट्रम्प ने) विभिन्न अरबपति टेक सीईओ और अन्य नेताओं के उनके फ्लोरिडा स्थित आवास पर आने पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हर कोई मेरा मित्र बनना चाहता है।" उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह प्रेस को "सीधा करना" चाहते हैं, उनके बयानों से पर्यवेक्षकों और अधिकार समूहों को चिंता है कि यह बढ़ती सेंसरशिप रणनीति का संकेत है। विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए ट्रम्प ने यह भी दर्शाया है कि अप्रत्याशित संदेश देने की उनकी प्रवृत्ति में कोई बदलाव नहीं आया है।
उदाहरण के लिए, ट्रम्प ने कहा कि वह पोलियो के टीके में "बहुत विश्वास" रखते हैं, लेकिन उन्होंने टीकाकरण और ऑटिज्म के बीच व्यापक रूप से खारिज किए गए संबंध पर भी संदेह जताया।ट्रम्प ने कहा, "कुछ गड़बड़ है। हम इसका पता लगाने का प्रयास करेंगे।" उन्होंने अमेरिका में ऑटिज्म के मामलों में वृद्धि का उल्लेख किया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नैदानिक मानदंडों में बदलाव, जागरूकता में वृद्धि और बेहतर जांच के कारण है।
ट्रम्प के अजीबो-गरीब बयान
ट्रम्प का पहला कार्यकाल सनसनीखेज घोषणाओं, बर्खास्तगी, निरंतर उलटफेर और कूटनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। विश्लेषकों इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या ट्रम्प की हर बात को सच माना जा सकता है? या फिर दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के नेता की बातों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए?
चार वर्ष बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है, जैसा कि बीते बुधवार को ट्रम्प की कनाडा के बारे में की गई टिप्पणी से पता चलता है। ट्रम्प ने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को कहा कि कनाडा को 51वां अमेरिकी स्टेट बनना "एक अच्छा विचार" हो सकता है।
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