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अर्थ डे स्पेशल: अरमान और रवीना ने UN कैंपेन में गाया 'नेचर' सॉन्ग

इस अभियान का उद्देश्य संगीत के माध्यम से पर्यावरणीय जागरूकता फैलाना और प्रकृति को एक "क्रेडिटेड कलाकार" के रूप में प्रस्तुत करना है।

अरमान और रवीना / Sterling Global

संयुक्त राष्ट्र के ‘Sounds Right’ अभियान के तहत भारतीय गायक अरमान मलिक और भारतीय-अमेरिकी गायिका रवीना ने वैश्विक स्तर पर 30 से अधिक कलाकारों के साथ मिलकर विशेष संगीत रचनाएं प्रस्तुत की हैं। ये रचनाएँ अर्थ डे 2025 के मौके पर रिलीज़ की गईं हैं, जिनमें प्रकृति की ध्वनियों को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है।

इस अभियान का उद्देश्य संगीत के माध्यम से पर्यावरणीय जागरूकता फैलाना और प्रकृति को एक "क्रेडिटेड कलाकार" के रूप में प्रस्तुत करना है। इसमें दुनियाभर के कलाकारों ने बारिश, पक्षियों की चहचहाहट, समुद्र की लहरें और जंगलों की आवाज़ें जैसी प्राकृतिक ध्वनियों का उपयोग किया है।

अरमान मलिक ने 'What In The World (feat. NATURE)' नामक गीत में योगदान दिया है, जिसे एक पॉप एंथम के रूप में तैयार किया गया है। यह गीत पहले COVID-19 महामारी के दौरान Billboard Live At-Home पर पेश किया गया था और अब इसे इस वैश्विक अभियान का हिस्सा बनाया गया है।

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वहीं, रवीना ने 'Morning Prayer (feat. NATURE)' शीर्षक से एक ध्यानात्मक और आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किया है। यह गीत उनके एक निजी अनुभव से प्रेरित है, जब वे एक जंगल यात्रा के दौरान बारिश में ध्यान कर रही थीं। उस अनुभव की रिकॉर्डिंग्स को आधार बनाकर गीत की रचना की गई है।

रवीना, जो अपनी सिख पंजाबी विरासत और प्रकृति से गहरे जुड़ाव के लिए जानी जाती हैं, इस गीत को अपने नए एल्बम ‘Where the Butterflies Go in the Rain’ के अन्य गानों के साथ अमेरिका के कई शहरों में प्रस्तुत करेंगी। उनका संगीत दौरा 30 अप्रैल से 10 जून 2025 तक चलेगा।

इस अभियान के प्रमुख Gabriel Smales ने बताया, “हमने सोचा कि अगर प्रकृति खुद बोल पाती, तो वह क्या कहती? और क्या उसे कलाकार के रूप में श्रेय मिलना चाहिए? आज, लाखों लोग इन गीतों को सुन रहे हैं और प्रकृति की रक्षा में जुटे समुदायों को इससे आर्थिक मदद भी मिल रही है।”

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