2024 में भारतीय छात्रों के विदेश यात्रा करने के रुझान में स्पष्ट गिरावट देखने को मिली है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख उच्च शिक्षा गंतव्यों के लिए। भारतीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, विदेश में अध्ययन के लिए यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2023 के मुकाबले घटकर 759,064 तक पहुंच गई है, जो कि 2022 के स्तर के करीब है। इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वैश्विक आर्थिक दबाव, वीजा नीतियों में बदलाव और घरेलू शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते अवसर प्रमुख हैं।
भारतीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2024 में उच्च शिक्षा के लिए विदेश यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में काफी गिरावट आई है। विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख देशों में भारतीय छात्रों की संख्या में कमी देखी गई है। भारतीय सांसद ई.टी. मोहम्मद बशीर के द्वारा संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में, भारतीय ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI) ने 2024 में विदेश यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों का आंकड़ा 759,064 बताया है।
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यह आंकड़ा 2023 में 892,989 था, यानी 2024 में छात्र संख्या में लगभग 14.95% की कमी आई है। इस आंकड़े से यह भी स्पष्ट होता है कि पिछले साल में छात्रों की संख्या में वृद्धि के बाद, इस वर्ष वह गिरकर 2022 के स्तर के आसपास पहुंच गई है। 2022 में कुल 750,365 भारतीय छात्र विदेश गए थे, जो अब 2024 में उसी स्तर के करीब आ गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। कुछ का मानना है कि वैश्विक आर्थिक संकट, उच्च शिक्षा के बढ़ते खर्च और कोविड-19 महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रा के बारे में छात्रों की सोच में बदलाव इसका कारण हो सकता है। इसके अलावा, कुछ देशों ने छात्र वीजा नीति में बदलाव किए हैं, जिसके कारण छात्रों को पहले की तुलना में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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