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अमेरिकी आरोपों पर गौतम अडानी ने चुप्पी तोड़ी, कहा- हर हमला हमें मजबूत बनाता है

गौतम अडानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं बता दूं कि हर हमला हमें पहले से ज्यादा मजबूत बनाता है और हर बाधा अडानी ग्रुप को आगे बढ़ने का मौका प्रदान करती है।

अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों पर ग्रुप चेयरमैन गौतम अदाणी ने पहली बार बयान दिया है। / File Image : X @gautam_adani

अमेरिका में अडानी ग्रुप के ऊपर लगाए गए रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों पर ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के आरोप हमें पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाते हैं। 

राजस्थान के जयपुर में 51वें जेम्स एंड ज्वैलरी अवॉर्ड्स के दौरान गौतम अडानी ने कहा कि दो हफ्ते पहले अडानी ग्रीन एनर्जी के ऊपर अनुपालन को लेकर अमेरिका में कई आरोप लगने की खबर आपने सुनी होगी। यह पहली बार नहीं है जब हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मैं बता दूं कि हर हमला हमें पहले से ज्यादा मजबूत बनाता है और हर बाधा अडानी ग्रुप को आगे बढ़ने का मौका प्रदान करती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि निहित स्वार्थों को अलग रख दें तो अडानी में से किसी के ऊपर एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि आजकल की दुनिया में नकारात्मकता ज्यादा तेजी से फैलती है। हम कानूनी तरीके से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मैं दोहराता हूं कि हम विश्वस्तरीय रेग्युलेटरी कंप्लायंस के साथ काम करते हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ने कहा कि हमने इससे भी बड़ी चुनौतियां  झेली हैं। ये चुनौतियां हमें तोड़ नहीं पाईं, उलटे इन्होंने हमें परिभाषित किया है। हमें सख्त बनाया है और हमें यह अटल विश्वास दिया है कि हर गिरावट के बाद हम फिर से उठेंगे, पहले से कहीं अधिक मजबूत बनें और लचीले बनेंगे। 

उन्होंने पिछले साल जनवरी में अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के हमले को याद करते हुए कहा कि जब हम अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे, तभी विदेश से हमारे ऊपर शॉर्ट-सेलिंग हमला किया गया था। यह कोई सामान्य वित्तीय हमला नहीं था। 

उन्होंने कहा कि यह दोहरी मार थी। एक तरह हमारी वित्तीय स्थिरता को टारगेट किया गया था तो दूसरी तरफ हमें राजनीतिक विवाद में घसीटा गया था। निहित स्वार्थों के साथ मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा इसे बढ़ाया गया था। लेकिन प्रतिकूलताओं के बावजूद सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही।

अडानी ने आगे कहा कि भारत के सबसे बड़े एफपीओ से 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद हमने आमदनी को वापस लौटाने का असाधारण फैसला किया। इसके बाद हमने कई अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से पूंजी जुटाकर और अपने ऋण को EBITDA के अनुपात में 2.5 गुना से भी कम करके अपनी मजबूती का परिचय दिया, जो वैश्विक बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अभूतपूर्व था। 

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