भारत में 100% कार इंपोर्ट टैरिफ टेस्ला ग्राहकों को चिंता में डाल रहा है और इसी वजह से कंपनी अभी भी तय नहीं कर पा रही कि भारतीय बाजार में एंट्री कब ली जाए। टेस्ला के मुख्य वित्त अधिकारी वैभव तनेजा ने मंगलवार को कमाई के आंकड़ों के साथ यह जानकारी दी।
टेस्ला लंबे समय से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार भारत में कदम रखना चाहती है, लेकिन अत्यधिक आयात शुल्क एक बड़ी बाधा बना हुआ है। एलन मस्क खुद भी कई बार भारत के टैक्स स्ट्रक्चर को दुनिया में सबसे ज्यादा बताया है।
हालांकि, हाल के हफ्तों में टेस्ला ने भारत में कुछ शोरूम स्पेस फाइनल किया है और दो दर्जन से ज्यादा नौकरियों के लिए विज्ञापन दिए हैं। मार्च में कंपनी ने जर्मनी से एक Model Y कार भारत में इम्पोर्ट की, जिसकी शिपमेंट वैल्यू $46,000 रही। तनेजा ने कहा, "हम जो गाड़ी भेज रहे हैं, उसकी कीमत यहां दोगुनी हो जाती है। इससे लोगों को लगता है कि वे गाड़ी के लिए बहुत ज़्यादा पैसे दे रहे हैं। यही वजह है कि हम बहुत सावधानी से सोच रहे हैं कि भारत में एंट्री का सही समय कब है।"
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टेस्ला ने पहली तिमाही में 71% मुनाफे की गिरावट दर्ज की है। कंपनी भारत सरकार से आयात शुल्क में कटौती की मांग कर रही है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत टैक्स कम करने को लेकर बातचीत में हैं। हालांकि, भारत तत्काल शून्य आयात शुल्क के लिए तैयार नहीं है, लेकिन कुछ रियायतें जरूर देने की संभावना है। उधर, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी देसी कंपनियां कार आयात सस्ता करने के किसी भी कदम का विरोध कर रही हैं।
एलन मस्क ने हाल ही में कहा कि वह इस साल भारत आने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल भी उनका दौरा तय था, जिसमें वे $2-3 बिलियन के निवेश और एक फैक्ट्री की घोषणा करने वाले थे, लेकिन उन्होंने अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी थी।
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