भारत के ओडिशा में इसी माह आयोजित होने वाले 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में आने वाले डेलिगेट्स की सुविधा के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। सरकार ने बताया है कि डेलिगेट्स को उनके होटलों से सम्मेलन स्थल तक लाने-ले जाने के लिए मुफ्त बसों की व्यवस्था भी की गई है।
इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 8 से 10 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इस साल की थीम- 'विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान' है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में स्थानीय प्रतिभागियों समेत 7500 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस के साथ सम्मेलन की शुरुआत होगी। अगले दिन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में समापन भाषण देंगी। इसी दिन प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करके बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2025 में हिस्सा लेने आए डेलिगेट्स को सम्मेलन स्थल- जनता मैदान तक लाने और वापस ले जाने के लिए मुफ्त बस सेवा की व्यवस्था की है। ये बसें प्रवासियों को होटलों से लेकर जाएंगी और बाद में वहीं पर वापस छोड़ेंगी।
Dear #PBD2025 Delegates, MEA and Odisha Government have arranged FREE Bus Service for participants from Various designated hotels to the PBD Venue- JANATA MAIDAN and return on 8, 9 and 10 Jan 2025. Looking forward to see you all in Bhubaneswar soon. pic.twitter.com/TJvw4j3X9N
— Diaspora India Connect (@diaspora_india) January 4, 2025
सरकार ने मुफ्त बसों के लिए छह रूट तय किए हैं, जो शहर के विभिन्न होटलों से होकर गुजरेंगे। इन होटलों में रहने वाले डेलिगेट्स इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं और आसानी से सम्मेलन स्थल पहुंच सकते हैं। सरकार ने बताया कि ये बसें 8, 9 और 10 जनवरी को उपलब्ध रहेंगी।
ओडिशा सरकार के गृह विभाग ने बताया है कि प्रवासी सम्मेलन के लिए रोजाना 150 से अधिक प्रवासी भारतीय पंजीकरण करा रहे हैं। आयोजकों को 50 से अधिक देशों से 3500 प्रवासियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। कार्यक्रम के लिए सबसे ज्यादा उत्साह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में रहने वाले भारतीयों में दिख रहा है। उसके बाद खाड़ी देश और यूरोप के भारतीय प्रवासियों का नंबर है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login