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फ्रेस्नो में एक प्राथमिक स्कूल सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा के नाम पर

इस फैसले से सिख-पंजाबी समुदाय में हर्ष की लहर है। लोकप्रिय पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की और इस कदम को 'ऐतिहासिक' बताते हुए सेंट्रल यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट को बधाई दी।

मानवाधिकार कार्यकर्ता खालरा पर दोसांझ की फिल्म पंजाब 95... / IMdb

एक अहम फैसले के अंतर्गत कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो में सेंट्रल यूनिफाइड स्कूल बोर्ड ने एक सम्मानित सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा के सम्मान में एक नए प्राथमिक विद्यालय के नामकरण को मंजूरी दे दी है।

28 जनवरी को बोर्ड बैठक के दौरान सदस्यों ने शील्ड्स एंड ब्रॉली में स्कूल का नाम जसवंत सिंह खालरा एलीमेंट्री स्कूल रखने के पक्ष में 6-0 से मतदान किया। बैठक में एक सदस्य अनुपस्थित रहा। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि यह देश का पहला पब्लिक स्कूल होगा जिसका नाम सिख समुदाय के किसी व्यक्ति के नाम पर रखा जाएगा।

खलरा को भारत में हजारों अवैध हत्याओं और लोगों के गायब होने की अभूतपूर्व जांच के लिए जाना जाता थेा। वर्ष 1995 में पंजाब पुलिस द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया और हत्या कर दी गई। मानवाधिकार उल्लंघन उजागर करने में उनके प्रयासों ने उन्हें न्याय के लिए वैश्विक लड़ाई में एक स्थायी हस्ती बना दिया।

बोर्ड सदस्यों ने सेंट्रल वैली में पंजाबी समुदाय के लिए खालरा के महत्व पर जोर दिया। यह देखते हुए कि उनकी बेटी फ्रेस्नो स्टेट में पढ़ती थी और उनके परिवार का इस क्षेत्र से संबंध है। उनकी विरासत को पहले 2017 में मान्यता मिली थी जब खालरा के सम्मान में क्लिंटन एंड ब्रॉली के एक पार्क का नाम बदल दिया गया था।

इस फैसले से सिख-पंजाबी समुदाय में हर्ष की लहर है। लोकप्रिय पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की और इस कदम को 'ऐतिहासिक' बताते हुए सेंट्रल यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट को बधाई दी और फ्रेस्नो के सांस्कृतिक ताने-बाने में सिख-पंजाबी समुदाय के योगदान की मान्यता की प्रशंसा की।

खालरा की पड़ताल ने 25,000 से अधिक व्यक्तियों की अवैध हत्याओं और दाह-संस्कार का खुलासा किया था। इनमें 2,000 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे जिन्होंने झुकने से इनकार कर दिया था। इस काम ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था। 1995 में उनके अपहरण और हत्या के कारण वर्षों बाद पंजाब पुलिस के छह अधिकारियों को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई।

दोसांझ आगामी बायोपिक 'पंजाब 95' में खलरा की कहानी को बड़े पर्दे पर भी ला रहे हैं। हनी त्रेहान द्वारा निर्देशित इस फिल्म का उद्देश्य न्याय के लिए खलरा की निडर लड़ाई और उनके बलिदान पर प्रकाश डालना है। हालांकि फिल्म की अगले महीने अंतरराष्ट्रीय रिलीज फिर टलने की खबरें हैं। 
 

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