कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनकी अल्पसंख्यक लिबरल सरकार के खिलाफ हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव भले ही छुट्टियों की वजह से 27 जनवरी तक टल गया हो, लेकिन नए साल के पहले हफ्ते में ही उन्हें नया झटका लग सकता है।
2025 के पहले सप्ताह में पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को समय से पहले पेश करने पर विचार करेगी। कंजर्वेटिव्स के अलावा एनडीपी ने भी कहा है कि वह जनवरी के आखिर में हाउस की बैठक शुरू होने के बाद जस्टिन ट्रूडो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
सरकार गिराने के अपने तीन प्रयासों के नाकाम होने के बाद कंजर्वेटिव्स ने अब नया साल शुरू होते ही हाउस ऑफ कॉमन्स की पीएसी की बैठक बुलाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि अविश्वास प्रस्ताव जल्दी पेश किया जा सके।
ट्रूडो जहां ब्रिटिश कोलंबिया में छुट्टियां मना रहे हैं, वहीं कंजरवेटिव पार्टी संघीय चुनाव समय से पहले करवाने के लिए लिबरल सरकार को जल्द से जल्द गिराने के तरीके ढूंढ रही है। ताजा सर्वे बताते हैं कि लिबरल पार्टी के मुकाबले कंजरवेटिव पार्टी 20 अंक आगे है। वह इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहती।
पीएसी के अध्यक्ष कंजर्वेटिव पार्टी के जॉन विलियमसन ने कहा है कि तीनों विपक्षी दलों- टोरीज़, एनडीपी और ब्लॉक क्यूबेकोइस को सरकार में भरोसा नहीं है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 7 जनवरी को पीएसी की बैठक होगी। छुट्टियों के बाद सदन में प्रस्ताव आएगा और पीएसी के प्रस्ताव पर मतदान होगा।
कंजर्वेटिव पार्टी ने इससे पहले लिबरल सरकार गिराने के लिए तीन अविश्वास प्रस्ताव पेश किए थे, जो असफल रहे। न्यू डेमोक्रेट्स ने तीनों के खिलाफ मतदान किया। हालांकि अब उनके नेता जगमीत सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी 27 जनवरी को सदन की बैठक शुरू होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
ट्रूडो के विरोध को उस समय और बल मिला, जब उपप्रधान मंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। एक अन्य मंत्री शॉन फ्रेजर ने 18 दिसंबर को कैबिनेट छोड़ने का इरादा जाहिर किया था। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडाई सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी ने भी आग में घी का काम किया है।
उधर जस्टिन ट्रूडो ने क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल करके आठ नए चेहरों को शामिल किया, लेकिन उनकी समस्याएं खत्म नहीं हुईं। लिबरल कॉकस के अंदर भी असंतोष लगातार बढ़ रहा है। चंद्रा आर्य सहित कम से कम दो सांसद खुले तौर पर ट्रूडो की जगह फ्रीलैंड को कमान सौंपने का समर्थन कर चुके हैं।
इस बीच पीएम के सलाहकारों में से एक गेराल्ड बट्स ने एक लेख में आशंका जताई है कि ट्रूडो जल्द ही पद छोड़ सकते हैं। थिंक टैंक यूरेशिया ग्रुप से जुड़े बट्स ने बदले राजनीतिक घटनाक्रम पर लिखा कि अब यह चर्चा आम हो गई है कि ट्रूडो इस्तीफा देने वाले हैं। लिबरल कॉकस फ्रीलैंड को कमान सौंपने के पक्ष में दिख रहा है।
बट्स ने आगे कहा कि उन्होंने सोचा नहीं था कि ट्रूडो और फ्रीलैंड की साझेदारी इस तरह आंसुओं के साथ खत्म होगी। इस घटनाक्रम से लग रहा है कि ट्रूडो अगले चुनाव में लिबरल पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। चुनाव जल्द होने की संभावना बढ़ रही है और कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत की भी।
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