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भारत बना ग्लोबल संगीत सितारों की पसंद, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में एक उत्साही दर्शक वर्ग तैयार है। अगर उन्हें अच्छा कंटेंट मिलता है, तो वे उसे अपनाने को तैयार हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर। / Pexels

हाल ही में कोल्डप्ले और एड शीरन जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय सितारों ने भारत में जबरदस्त भीड़ के सामने परफॉर्म किया, जिससे यह चर्चा तेज हो गई कि दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश जल्द ही वैश्विक टूरिंग शेड्यूल का मुख्य हिस्सा बन सकता है। हालांकि, विश्वस्तरीय इवेंट वेन्यू की कमी के कारण आयोजकों और प्रशंसकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी, सुरक्षा की कमी और तकनीकी दिक्कतें प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।

बढ़ती मांग, बड़े सितारे
भारत में युवा और संपन्न वर्ग के लोग अब मनोरंजन पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। पहले, कम खर्च करने की प्रवृत्ति के कारण भारत को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब यह तेजी से बदल रहा है। 2023 में ऐसे भारतीयों की संख्या 60 मिलियन तक पहुंच गई, जिनकी वार्षिक आय $10,000 से अधिक है। इसी कारण डुआ लीपा, मारून 5 और ब्रायन एडम्स जैसे सितारे भारत में परफॉर्म कर चुके हैं, जबकि ग्रीन डे और शॉन मेंडेस जैसे कलाकार जल्द ही यहां आने वाले हैं।

ईवेंट मैनेजमेंट उद्यमी दीपक चौधरी के अनुसार, "भारत में एक उत्साही दर्शक वर्ग तैयार है। अगर उन्हें अच्छा कंटेंट मिलता है, तो वे उसे अपनाने को तैयार हैं।" बुकमायशो के अनुसार, भारत में लाइव इवेंट की संख्या पिछले साल 20% तक बढ़ी, जिससे "म्यूजिक टूरिज्म" को एक नया ट्रेंड बताया जा रहा है।

भारत में 'सबसे बड़ा शो'
कोल्डप्ले ने हाल ही में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अपने "सबसे बड़े शो" का आयोजन किया। टिकट की कीमतें $30 से $420 तक थीं, लेकिन भारी मांग के कारण कई लोगों को ब्लैक में महंगे दामों पर टिकट खरीदने पड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेंड को "कॉन्सर्ट इकोनॉमी" बताते हुए कहा कि भारत में लाइव इवेंट्स की अपार संभावनाएं हैं।

सुविधाओं की कमी बनी समस्या
हालांकि, हर शहर इतने बड़े इवेंट्स की मेजबानी के लिए तैयार नहीं है। अस्थायी वेन्यू में खराब सफाई, भीड़ नियंत्रण की कमी और पार्किंग जैसी दिक्कतें बनी हुई हैं। कॉमेडियन ट्रेवर नोहा और अमेरिकी बैंड Cigarettes After Sex ने भी भारतीय इवेंट वेन्यू की समस्याओं के कारण अपने शो रद्द किए।

'शुरुआती चुनौतियां'
संगीत उत्सव NH7 के आयोजक तेज ब्रार इसे "शुरुआती चुनौतियां" मानते हैं और कहते हैं कि आने वाले वर्षों में यह इंडस्ट्री मजबूत होगी। बैंक ऑफ बड़ौदा के अनुसार, ये म्यूजिक इवेंट्स भारतीय अर्थव्यवस्था में $918 मिलियन तक का योगदान कर सकते हैं, जिससे पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी फायदा होगा।

भविष्य उज्ज्वल है
आयोजकों का मानना है कि निवेश और सुधारों के साथ भारत जल्द ही ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे बड़े म्यूजिक मार्केट्स की बराबरी कर सकता है। यह न केवल भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए बल्कि पूरे उद्योग के लिए एक नया अवसर साबित हो सकता है।

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