अमेरिका के न्याय विभाग की सामुदायिक संबंध सेवा (सीआरएस) की तरफ से 'हिंदू अमेरिकी समुदायों से जुड़ाव और संबंध निर्माण' कार्यक्रम शुरू किए जाने का हिंदू संगठनों ने हार्दिक स्वागत किया है।
इस पहल का उद्देश्य हिंदू अमेरिकियों और समुदायों के साथ सकारात्मक व सहयोगात्मक जुड़ाव के लिए सार्वजनिक एवं निजी संगठनों, स्कूलों, धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष समुदायों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जागरू करना और आपसी समझ को बढ़ावा देना है।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इस कार्यक्रम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एचएएफ के कार्यकारी निदेशक सुहाग ए. शुक्ला ने इस पहल में संगठन के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि हम इस पहल का स्वागत करते हैं और न्याय विभाग की तरफ से काम करने का अवसर देने के लिए आभारी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे शैक्षिक संसाधनों ने प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है जिसका उद्देश्य सामुदायिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्थानीय संस्थानों व कानून प्रवर्तन के बीच संबंधों को गहरा बनाना है।
द कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) ने भी इस पहल की प्रशंसा की और हिंदू अमेरिकियों के लिए एक 'ऐतिहासिक क्षण' बताया। संस्था की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि लंबे समय तक अमेरिका में हिंदुओं के साथ भेदभाव करते हुए उन्हें संस्थागत ढांचे से बाहर रखा गया था। यह पहल इस कमी को दूर करती है। संगठन ने एफबीआई के डेटा और देश भर में हिंदू मंदिरों पर हमलों का जिक्र करते हुए हिंदू विरोधी नफरत का मुकाबला करने के महत्व पर जोर दिया।
कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने भी मंदिरों पर नफरती हमलों की जांच के बाद सुरक्षा मजबूत करने की सिफारिश की थी। हालांकि न्याय विभाग ने अभी तक सार्वजनिक रूप से इस मांग पर कार्यवाही नहीं की है। ऐसे में इस आउटरीच प्रोग्राम को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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