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पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ जुटे फोर्ट बेंड काउंटी के सैकड़ों हिंदू, पीड़ितों को श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि सभा में 300 से अधिक लोग शामिल हुए। उनके हाथों में भारत और अमेरिका के झंडे, तख्तियां और बैनर थे,

कश्मीरी आतंकी हमले के खिलाफ जुटे लोग /

कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में अमेरिका के फोर्ट बेंड काउंटी के सैकड़ों हिंदू समुदाय के लोगों ने शुगर लैंड मेमोरियल पार्क में एकत्र होकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। इस हमले में कुल 26 की हत्या कर दी गई थी, जिनमें से 24 हिंदू, 1 ईसाई और 1 स्थानीय मुस्लिम गाइड था। इस भयावह घटना में 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए।

इस श्रद्धांजलि सभा में 300 से अधिक लोग शामिल हुए। सभी ने सफेद कपड़े पहन रखे थे। हाथों में भारत और अमेरिका के झंडे, तख्तियां और बैनर थे, जिन पर 'Don't Deny, Don't Hide — Stop Hindu Genocide' जैसे नारे लिखे थे। वक्ताओं ने इसे सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि सुनियोजित 'धार्मिक नरसंहार' करार दिया।

कार्यक्रम का संचालन पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुनंदा वशिष्ठ ने किया। उन्होंने कहा, "जिहादी आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है। यह लंदन, पेरिस, स्वीडन और बांग्लादेश में भी दिख चुका है। यह विचारधारा पूरी दुनिया के लिए खतरा है।"

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हिंदूज़ ऑफ ग्रेटर ह्यूस्टन की ओर से 22 वर्षीय यजत भार्गव ने कहा, "इस समय ग्लोबल हिंदू एकजुटता कोई विकल्प नहीं, बल्कि हमारा धर्म है।" उन्होंने बताया कि आतंकियों ने हमले के समय पीड़ितों से धर्म के आधार पर पहचान की, उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया और जिनका धर्म हिंदू पाया गया, उन्हें गोली मार दी गई। उन्होंने कहा, "कुछ को घुटनों पर बैठाकर मारा गया, कुछ को भागते हुए पीछे से गोली मारी गई। एक आतंकी ने एक महिला से कहा – ‘जाओ मोदी को बताओ’, यानी संदेश साफ था – हिंदुओं को डराना।"

ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा के सदस्य अमित रैना, जिनका परिवार 1990 के कश्मीरी पलायन का हिस्सा रहा है, ने भावुक होते हुए कहा, "हमारी शांतिप्रिय हिंदू समुदाय ने 1989–90 में 'भागो, धर्म बदलो या मरो' जैसे नारे झेले हैं। आज भी वही मानसिकता जीवित है। 26/11, 9/11 और 7/7 जैसी घटनाओं के पीछे एक ही जहर है – कट्टरपंथी इस्लामी जिहाद।"

अमित रैना के बेटे अयांश रैना (11) और उसके दोस्त सुरिध भट (10) ने शहीदों की तस्वीरों का एक पोस्टर बनाकर सबको दिखाया। रैना ने अपील की, "हम अक्सर अपने बच्चों को सच नहीं बताते, लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें हकीकत बताई जाए – कि हमें सिर्फ हमारे धर्म के कारण मारा जा रहा है।"

दिशा USA के संस्थापक आशीष अग्रवाल ने कहा, "हमारे पास सबसे बड़ा हथियार है – वोट। स्थानीय चुनावों में भाग लें, नीतियों को प्रभावित करें। एक वोटर की आवाज़ सीनेटर और सांसदों को सुननी ही पड़ती है।"

सभा के अंत में एकजुटता और संकल्प का प्रदर्शन करते हुए भीड़ ने नारा लगाया – "Don't Deny, Don't Hide — Stop Hindu Genocide!" इसके साथ ही आयोजकों ने उपस्थित लोगों को डिजिटल टूल्स और फ्लायर्स भी वितरित किए, जिससे वे अमेरिका में सांसदों, नीति-निर्माताओं और मीडिया तक इस मुद्दे को पहुंचा सकें।
 

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