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कैटरीना तूफान की तबाही से सांसद तक, Tulane ने सुहास सुब्रमण्यम को ऐसे गढ़ा

कैटरीना ​​​​​​​तूफान की तबाही ने एक युवा छात्र सुहास सुब्रमण्यम के जीवन में एक ऐसा मोड़ लाया जिसने उन्हें अमेरिकी कांग्रेस तक पहुंचाया। Tulane यूनिवर्सिटी ने एक ब्लॉग पोस्ट में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद सुहास सुब्रमण्यम को हाईलाइट किया है।

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद सुहास सुब्रमण्यम। / Wikipedia

Tulane यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद सुहास सुब्रमण्यम (SLA '08) को हाईलाइट किया है। इस पोस्ट में बताया गया है कि कैसे यूनिवर्सिटी में उनके बिताए वक्त ने उन्हें पब्लिक सर्विस की तरफ मोड़ा। वर्जीनिया के 10वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद सुहास सुब्रमण्यम का कहना है कि Tulane में उनका अनुभव, खासकर कैटरीना तूफान के बाद का वक्त, उनके करियर का एक अहम पड़ाव रहा।उन्होंने कहा, 'Tulane में बिताया वक्त मेरे लिए बहुत अहम रहा, इसी ने मुझे इस राह पर लाया।'

यूनिवर्सिटी के ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक, कैटरीना के बाद न्यू ऑरलियन्स में Tulane के छात्र के तौर पर सुब्रमण्यम पहले प्री-मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। उनका इरादा अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए डॉक्टर बनने का था। लेकिन, कैटरीना तूफान की तबाही ने सब बदल दिया। Tulane यूनिवर्सिटी की मरम्मत के दौरान जब उन्हें ह्यूस्टन के राइस यूनिवर्सिटी में जाना पड़ा, तो वापसी पर उनका नजरिया ही बदल गया था।

उन्होंने कहा, 'मैं न्यू ऑरलियन्स के पुनर्निर्माण का हिस्सा बनना चाहता था, इसलिए मैंने अलग-अलग कम्युनिटी प्रोजेक्ट्स में वॉलंटियरिंग शुरू कर दी।' सुब्रमण्यम कैंपस के कई सर्विस ऑर्गेनाइजेशन्स से जुड़ गए। जैसे Tulane ग्रीन क्लब, जहां उन्होंने पर्यावरण संबंधी पहलें कीं।इसके अलावा वह CACTUS, यूनिवर्सिटी का कम्युनिटी सर्विस ऑर्गेनाइजेशन से भी जुड़े। इस काम ने उन्हें स्थानीय नेताओं और नीति निर्माताओं से मिलाया, जिससे उन्हें शासन के माध्यम से बदलाव लाने में दिलचस्पी हुई।

ब्लॉग पोस्ट में बताया गया है कि पहले वो 'जानबूझकर राजनीति से दूर' थे और जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे उन्हें राजनीति और सार्थक बदलाव के बीच का नाता समझ आया, वो शहर के नेताओं से सीधे जुड़ने लगे। उन्होंने शहर से बाहर से आने वाले वॉलंटियर्स के ग्रुप्स को कोऑर्डिनेट करने में मदद की और टिकाऊ पुनर्निर्माण के प्रयासों, जैसे ऊर्जा-कुशल आवासों के लिए वकालत की।

सुब्रमण्यम का नेतृत्व सिर्फ एक्टिविज्म तक सीमित नहीं था। द हल्लाबालू के स्पोर्ट्स एडिटर के तौर पर उन्होंने लेखन और कहानी सुनाने के अपने हुनर को निखारा। इसी शौक ने उन्हें वाशिंगटन डी.सी. में ABC न्यूज के 'दिस वीक विद जॉर्ज स्टीफनोपोलस' में इंटर्नशिप दिलाई। उन्होंने कहा, 'मैंने ABC के प्रोड्यूसर्स के साथ कैपिटल हिल पर घूमने का मौका लिया, और तभी मुझे राष्ट्रीय राजनीति में होने वाली चीजों का पता चला।'

Tulane में अपने पूरे वक्त के दौरान सुब्रमण्यम पूरी तरह जुड़े रहे। उन्होंने पढ़ाई, पत्रकारिता और सेवा को साथ में संभाला। उन्होंने दर्शनशास्त्र में मेजर किया, अर्थशास्त्र और इतिहास में माइनर किया और यूनिवर्सिटी ऑर्केस्ट्रा में वायलिन बजाया। उनके पुराने दोस्त मार्क जॉयनर (SLA '07) उन्हें कामयाबी के लिए बना हुआ मानते हैं।

मार्क जॉयनर ने कहा, 'सिर्फ उनकी बुद्धिमत्ता ही नहीं, बल्कि उनका स्वभाव भी मुझे तुरंत प्रभावित किया। उनसे थोड़ी देर बात करने पर ही पता चल जाता था कि वो आगे बढ़ेंगे, यहां तक कि दर्शनशास्त्र की डिग्री के साथ भी।'

जॉयनर ने सुब्रमण्यम की पर्यावरण की वकालत से लेकर कैटरीना के बाद की सफाई के काम तक सेवा के प्रति उनकी अथक प्रतिबद्धता को याद किया। उन्होंने कहा, 'ये सब उन्होंने एक्टिव सोशल लाइफ, अच्छे ग्रेड और द हल्लाबालू के स्पोर्ट्स एडिटर रहते हुए किया। मुझे कभी नहीं पता चला कि उन्हें समय कहां से मिलता था, लेकिन वो करते थे। ग्रेजुएशन के बाद भी ऐसा ही रहा।'

Tulane के बाद, सुब्रमण्यम ने पहले न्यू ऑरलियन्स में FBI में काम करने के बारे में सोचा, लेकिन इसके बजाय ह्यूस्टन में एक कांग्रेस के चुनाव प्रचार में नौकरी कर ली। बाद में उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी प्रिट्जकर स्कूल ऑफ लॉ से पढ़ाई की और व्हाइट हाउस में टेक्नोलॉजी पॉलिसी एडवाइजर के रूप में काम किया।

2019 में उन्होंने वर्जीनिया जनरल असेंबली में चुने जाने वाले पहले दक्षिण एशियाई अमेरिकी के रूप में इतिहास रचा। 2023 में उन्होंने वर्जीनिया सीनेट में एक सीट जीती। नवंबर 2024 तक उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक सीट हासिल कर ली। उन्होंने 3 जनवरी, 2025 को शपथ ली।

राजनीति में अपनी तरक्की के बावजूद सुब्रमण्यम Tulane से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अगली पीढ़ी के नेताओं को प्रेरित किया है। यह उनके ऑफिस में साफ दिखता है, जहां Tulane के पूर्व छात्र मैथ्यू फिशर (SLA '23) अब एक स्टाफर के रूप में काम करते हैं। पीछे मुड़कर देखते हुए सुहास अपनी यूनिवर्सिटी को सिर्फ एक संस्थान से ज्यादा मानते हैं, यह पब्लिक सर्विस में उनके जीवन की नींव थी।

 

 

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