भारत 2026 तक नॉमिनल जीडीपी के मामले में अमेरिका के प्रमुख राज्य कैलिफोर्निया को पछाड़ सकता है। यह अनुमान कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम के कार्यालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में सामने आया है। फिलहाल भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि कैलिफोर्निया ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथा स्थान हासिल किया है।
गवर्नर न्यूसम ने यह घोषणा 22 अप्रैल को की, जब आईएमएफ की 2024 वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट और यूएस ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक एनालिसिस (BEA) की जीडीपी रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया की नाममात्र जीडीपी $4.1 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है, जबकि जापान की जीडीपी $4.02 ट्रिलियन है। अब कैलिफोर्निया केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे है।
गवर्नर न्यूसम ने कहा, “कैलिफोर्निया सिर्फ दुनिया की रफ्तार से चल नहीं रहा, हम रफ्तार तय कर रहे हैं। हमारी सफलता लोगों में निवेश, टिकाऊ विकास और नवाचार पर भरोसे का परिणाम है। लेकिन यह तरक्की संघीय सरकार की अव्यवस्थित टैरिफ नीतियों से खतरे में है।”
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कैलिफोर्निया की तेज़ रफ्तार आर्थिक वृद्धि
2024 में कैलिफोर्निया की अर्थव्यवस्था ने 6% की वृद्धि दर्ज की, जो अमेरिका (5.3%), चीन (2.6%) और जर्मनी (2.9%) से अधिक है। पिछले चार वर्षों में राज्य की औसत वृद्धि दर 7.5% रही है।
बहुआयामी आर्थिक शक्ति
नवाचार: स्टार्टअप्स, वेंचर कैपिटल और हाई-टेक उद्योग में राष्ट्रीय नेतृत्व।
उत्पादन और कृषि: 36,000+ निर्माण इकाइयाँ, 1.1 मिलियन नौकरियाँ।
पर्यटन और जनसंख्या वृद्धि: रिकॉर्ड पर्यटन व्यय और जनसंख्या में बढ़ोतरी।
राष्ट्रीय योगदान: कैलिफोर्निया संघीय सरकार को हर साल $83 बिलियन अधिक देता है, जितना उसे वापस मिलता है।
टैरिफ विवाद और कानूनी चुनौती
गवर्नर न्यूसम ने हाल ही में संघीय टैरिफ नीतियों के खिलाफ एक मुकदमा भी दायर किया है, जिसमें उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा आपातकालीन शक्तियों के तहत टैरिफ लागू करने के कदम को “टैरिफ अराजकता” बताया। उनका तर्क है कि इन कदमों से बाजार अस्थिर हुए हैं, उपभोक्ताओं और उद्योगों पर लागत बढ़ी है, और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को सालाना $100 बिलियन तक का नुकसान हो सकता है।
भारत की ओर इशारा
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों में कैलिफोर्निया को भी पीछे छोड़ सकती है। इसके पीछे भारत में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग में निवेश, और सर्विस सेक्टर की मजबूती जैसे कई कारक हैं।
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