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कनाडा में सुरक्षा का नहीं मिला आश्वासन, भारत ने कहा- दूतावास को शिविर रद्द करने पड़े

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में कहा, 'टोरंटो में हमारे वाणिज्य दूतावास को सप्ताहांत में दूतावास शिविर को रद्द करना पड़ा, क्योंकि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा या सरकार से आश्वासन नहीं मिला था।' 

प्रतीकात्मक तस्वीर / Pexels

कनाडा में चल रहे राजनयिक तनाव के बीच भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गुरुवार को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आने वाले कई दूतावास शिविरों को रद्द करने का ऐलान किया। दरअसल, स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि वो आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा भी नहीं दे पाएंगे। 

महावाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा कि खतरे बढ़ गए हैं और पर्याप्त सुरक्षा का भरोसा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया, 'ज्यादातर ये शिविर पूजा स्थलों पर नहीं, यहां तक कि एक तो पुलिस सुविधा में होने वाले थे।' कार्यक्रम रद्द होने से ग्रेटर टोरंटो एरिया में भारतीय-कनाडाई समुदाय के लगभग 4,000 बुजुर्ग सदस्य प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक जरूरतों के लिए दूतावास सेवाओं पर निर्भर हैं। 

ये पहला मौका नहीं है जब दूतावास को सुरक्षा चिंता की वजह से शिविर रद्द करने पड़े हों। इस महीने की शुरुआत में भी स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जताए जाने के बाद कई शिविर रद्द किए गए थे। ये सब टोरंटो के पास हिंदू सभा मंदिर में हुए एक कैंप में हुई हिंसक घटना के बाद हुआ है। 

इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में कहा, 'टोरंटो में हमारे वाणिज्य दूतावास को सप्ताहांत में दूतावास शिविर को रद्द करना पड़ा, क्योंकि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा या सरकार से आश्वासन नहीं मिला था।' 

नवंबर और दिसंबर के दौरान भारतीय प्रवासियों के लिए ऐसे शिविर विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि इस दौरान बहुत से लोग पेंशन डॉक्यूमेंट्स और दूसरे प्रशासनिक कामों में मदद चाहते हैं। जायसवाल ने जोर देकर बताया कि वैंकूवर जैसे शहरों में कैंप होंगे, लेकिन वो स्थानीय सामुदायिक समूहों से मिलने वाली सुरक्षा के भरोसे पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, 'ये कैंप सामुदायिक संगठन के अनुरोध पर आयोजित होते हैं। इसलिए जहां सामुदायिक संगठन को सहज लगेगा, हम वहां ये कैंप आयोजित करेंगे।'

कैंप्स रद्द होने से कनाडा में भारतीय प्रवासियों, खासकर बुज़ुर्गों में चिंता बढ़ गई है। ये लोग इन सर्विसेज पर बहुत निर्भर हैं।  ऐसी बाधाएं भारतीय दूतावास के लिए अपने कामकाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी चुनौतियों को उजागर करते हैं।

 

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