भारत के कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने मार्क जकरबर्ग की कंपनी मेटा के ऊपर बड़ी कार्रवाई की है। सीसीआई ने वॉट्सऐप के प्राइवेसी अपडेट को लेकर कंपनी पर 213 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही अगले पांच वर्षों तक वॉट्सऐप के यूजर डेटा को मेटा की अन्य प्लेटफॉर्म के साथ शेयर करने पर रोक लगा दी है।
यह मामला वॉट्सऐप के 2021 में लाए गए प्राइवेसी अपडेट को लेकर लगाया गया है। यूजर्स के तीखे विरोध के बाद इस अपडेट को वापस ले लिया गया था। सीसीआई ने एक्स पर पोस्ट एक बयान में बताया है कि वॉट्स के 2021 में प्राइवेसी पॉलिसी एंट टर्म्स ऑफ यूज अपडेट में कहा गया था कि वह वॉट्सऐप के यूजर डेटा को मेटा के स्वामित्व वाले फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म के साथ शेयर करेगी। जो यूजर इसकी मंजूरी नहीं देंगे, उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा।
भारत के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने बयान में कहा है कि उसने निष्कर्ष निकाला है कि व्हाट्सएप की 2021 की 'टेक-इट या लीव-इट' नीति अपडेट कानून की नजर में अनुचित शर्त है क्योंकि यह सभी यूजर्स को विस्तारित डेटा कलेक्शन की शर्तों को मानने और मेटा ग्रुप के अन्य प्लेटफॉर्म से डेटा साझा करने पर मजबूर करता है। यह यूजर्स को ऑप्ट आउट का विकल्प भी नहीं देता। इस तरह मेटा ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 (2) (ए) (आई) का उल्लंघन किया है।
CCI imposes a monetary penalty of ₹213.14 crore on Meta for 2021 Privacy Policy Update, along with a cease-and-desist direction and specific behavioral remedies. pic.twitter.com/JUNCHP9oF0
— CCI (@CCI_India) November 18, 2024
सीसीआई ने कहा है कि वॉट्सऐप सर्विस प्रदान करने के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए मेटा कंपनियों के बीच वॉट्सऐप यूजर्स के डेटा को साझा करना प्रतिद्वंद्वियों को बाज़ार तक पहुंच से वंचित करता है और प्रतिस्पर्धी सेवाएं देने में अड़चन डालता है।
सीसीआई ने कहा कि मेटा ऑनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन मार्केट में अपनी पोजीशन बनाए रखने के लिए स्मार्टफोन के जरिए ओटीटी मैसेजिंग ऐप में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठा रहा है।
सीसीआई ने वॉट्सऐप को निर्देश दिया कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर जुटाए गए डेटा को मेटा कंपनी या उसके उत्पादों के साथ अगले पांच वर्षों तक शेयर न करे। वॉट्सऐप को अन्य मेटा कंपनियों के साथ शेयर किए गए यूजर्स के डेटा के बारे में अपनी पॉलीसी में विस्तृत स्पष्टीकरण शामिल करने का निर्देश दिया गया है। उसे बताना होगा कि किस डेटा क्यों और किस उद्देश्य से शेयर किया जा रहा है।
वॉट्सऐप को निर्देश दिया गया है कि वह भारत में उसकी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए डेटा शेयरिंग करने को शर्त न बनाए। यहां डेटा शेयरिंग करने का मतलब विज्ञापन के उद्देश्य से एकत्र किया गया डेटा होगा।
बता दें कि वॉट्सऐप के भारत में 500 मिलियन से ज्यादा यूजर हैं। इस तरह कंपनी के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है।
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