भारत सरकार आने वाले आम बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है। संकेत हैं कि 15 लाख रुपये तक सालाना आमदनी वालों को इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है।
दो सरकारी सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाना है। आयकर दरों में कटौती कितनी होगी, इसके बारे में सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन 1 फरवरी को बजट पेश होने से पहले इसका फैसला हो जाएगा।
अगर सरकार आयकर की दरों में कटौती करती है तो लाखों करदाताओं को फायदा मिलेगा। ये नागरिक जीवनयापन की उच्च लागत से परेशान हैं क्योंकि 2020 से लागू इनकम टैक्स के नए सिस्टम में आवास किराये जैसे डिडक्शन को खत्म कर दिया गया है।
भारतीय टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स भरने के लिए दो विकल्प हैं। पुरानी योजना में आवास किराये, निवेश और बीमा पर छूट जैसे एग्जेम्पशन मिलते हैं। लेकिन 2020 में पेश नई योजना में कम आय वाले नागरिकों के लिए टैक्स की दरें थोड़ी कम हैं लेकिन उन्हें कोई छूट नहीं मिलती है।
सूत्रों का कहना था कि टैक्स दरों में कटौती से राजस्व को नुकसान की आशंका नहीं है। एक अधिकारी का कहना था कि टैक्स दरें कम होती हैं तो ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर नए सिस्टम को अपना सकते हैं जो कम जटिल है।
गौरतलब है कि भारत सरकार को मिलने वाला आयकर का बड़ा हिस्सा एक करोड़ रुपये सालाना से कम कमाने वाले नागरिकों से मिलता है, जिनके लिए टैक्स की दर 30% है। उच्च करों को लेकर सरकार को मध्यम वर्ग से राजनीतिक नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है।
टैक्स दरों में कटौती से मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा आएगा, जिसे खर्च करने से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सकती है। भारतीय इकोनमी को जुलाई से सितंबर के बीच पिछली सात तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ का सामना करना पड़ा है। उच्च खाद्य मुद्रास्फीति की वजह से लोगों को साबुन-शैंपू से लेकर कारों और दोपहिया वाहनों तक की जरुरतों में कटौती करनी पड़ी है।
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